मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने गुजरात गए हुए हैं। गुजरात में ‘बीबीसी’ से बात करते हुए किसान नेता ने कहा कि देश में ट्रिपल ‘T’ होना बहुत जरूरी है तभी देश आवाद होगा नहीं तो देश बर्बाद हो होगा।

टिकैत ने कहा “यहां के फसल के रेट का सवाल है। किसानों को यहां आलू की सही कीमत नहीं मिल रही है। जो मुद्दा देश का है वही गुजरात का भी है।” राकेश टिकैत ने कहा “यहां किसान आलू 3 रुपय किलो बेंच रहे हैं। वे कैसे खुश हो सकते हैं और सरकार कहती है किसान खुश है। ऐसा तो है नहीं कि ये चांदी के सिक्के दे रहे हैं या डॉलर में बिक रहा है। फसल बर्बाद होने के बाद बीमा कंपनी यहां से भाग गई। किसान कैसे खुश है।”

ट्रिपल ‘T’ के बारे में बात करते हुए किसान नेता ने कहा “हमारी सीमा पर जवान है। अगर वह कमजोर होंगी और कोई अंदर आने की कोशिश करेगा तो वहां टैंक लगाना पड़ेगा। वैसे ही अगर किसान ट्रैक्टर नहीं चलाएगा तो फसल कैसे आएगी, सड़क पर नहीं चलाएगा तो आंदोलन नहीं होगा।”

टिकैत ने आगे कहा “इसी हिसाब से ट्विटर अगर नौजवान नहीं चलाएगा तो हम अपनी खबरें कैसे लोगों तक पहुंचाएंगे। रोजगार कैसे मिलेगा, इसलिए नौजवान को ट्विटर चलना पड़ेगा। उसको सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना पड़ेगा। तो किसान को ट्रैक्टर, जवान को टैंक और नौजवान को ट्विटर। ट्रिपल ‘T’ देश में होगी तो देश आवाद होगा नहीं तो देश बर्बाद हो जाएगा।”

टिकैत ने कहा कि किसानों को रोका जा रहा है। अगर ऐसा होगा तो हम गुजरात में ही डेरा जमाएंगे। टिकैत ने इन दावों को रविवार को खारिज किया कि किसान दिल्ली की सीमा पर स्थित प्रदर्शन स्थल छोड़कर चले गए हैं। टिकैत ने कहा कि किसान खेतों में काम करने के लिए गए हैं और जब केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल चुनाव से मुक्त हो जाएगी तो वे लौट आएंगे।

किसान नेता ने कहा, ‘‘वे सभी खबरें गलत हैं कि किसानों ने आंदोलन स्थलों को छोड़ दिया है। किसान आते हैं और चले जाते हैं. वर्तमान में, वे अपने खेतों में काम करने गए हैं। हमने उनसे कहा है कि सरकार के (पश्चिम) बंगाल चुनाव से मुक्त होने के बाद वे वापस आ जाएं। पूरी सरकार बंगाल में डेरा डाले हुए है। एक बार सरकार वापस आ जाएगी, तो हम उसके साथ बातचीत शुरू करेंगे।’