दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं और पिछले साल नवंबर में शुरू हुआ आंदोलन मार्च में भी जारी है। बंगाल में चुनावों की सरगर्मी के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने कोलकाता में ‘महापंचायत’ की। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहां कोई राजनीति करने नहीं आए हम तो सरकार को ढूंढने आए हैं।
टिकैत से ‘न्यूज़ 24’ के एक पत्रकार ने कहा “क्या अब आप देश को बांटने वाली राजनीति करेंगे?” इसपर किसान नेता ने कहा “मैंने ऐसा क्या बयान दिया? जरा आप बताएं।” इसपर पत्रकार ने कहा “जो अपने मंदिर के पुजारियों को लेकर एक बयान दिया था। इसपर टिकैत ने कहा कि अरे वो तो महीनों पुराना है। हम बांटने वाली राजनीति कहां कर रहे हैं। हम तो यहां सरकार को ढूंढने आए हैं।
टिकैत ने कहा “कोलकाता में बीजेपी के लोग हर घर से चावल मांग रहे हैं। तो हमने लोगों से ये कहा कि जब ये चावल मांगने आएंगे, तो उनसे इसकी एमएसपी मांगना। क्योंकि वहां पर धान का 900 रुपये का रेट है और उन्हें अगर एमएसपी मिली तो ये रेट 1850 हो जाएगा। सरकार दिल्ली में तो मिल नहीं रही। इस समय सरकार बंगाल में है तो जो भी उसे वोट मांगने आए उनसे कहना हमारी एमएसपी दे दो और इसपर कानून बना दो, हमें भी लाभ मिल जाएगा।”
किसान नेता ने कहा “हम किसी का विरोध करने नहीं गए थे, सरकार को ढूंढने गए थे और लोगों को बताने गए थे ये वोट या चावल मांगने आए तो एमएसपी मांगना। अभी हम पूरे देश में जाएंगे और सब से ऐसा करने को कहेंगे।”
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की सरकार के साथ आखिरी बार बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। उसके बाद से जहां सरकार अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश में लगी है तो किसान नेताओं ने आंदोलन को तेज करते हुए देशव्यापी बनाने में लगे हैं।
राकेश टिकैत ने मंगलवार को इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान जल्दी ही दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को ब्लॉक करेंगे। हालांकि, किसानों की समिति ने अभी तक इसके लिए तारीखों पर फैसला नहीं किया है। इससे पहले भी किसान नेता ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि जल्दी ही लाखों किसान एक बार फिर से ट्रैक्टर के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे।