किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा बनकर उभरे राकेश टिकैत से जब दिल्ली में हुई हिंसा पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो चाहें क्वेश्चन कर लें लेकिन फिर मैं भी सवाल पूछूंगा और उसका जवाब देना पड़ेगा। इस दौरान ऐंकर और राकेश टिकैत दोनों एक दूसरे को उंगली दिखाने लगे। राकेश टिकैत बता रहे थे कि दिल्ली पुलिस ने जिन रास्तों से रैली निकालने की अनुमति दी थी, उनपर बैरिकेडिंग कर दी।

टिकैत ने कहा, ‘जो लोग लालकिले पर गए वे तो 10 किलोमीटर आगे थे। वे तो पहले ही सात बजे निकल गए थे।’ सुमित अवस्थी ने पूछा, आपने सुबह क्यों नहीं कह दिया कि ये लोग किसान नहीं हैं और आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं? राकेश टिकैत ने कहा, जब जांच होगी तब पता चलेगा कि दोषी कौन हैं। उन्होंने कहा, चार लाख ट्रैक्टर हमने बुलवाए थे. 25 लाख लोगों को हमने बुलाया था। सबको मैनेज किया।

टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार ने साजिश के तहत आंदोलन में हिंसा करवाई। हम पिछले 35 साल से कहते हैं कि पार्ल्यामेंट पर चढ़ाई करेंगे, क्या किसी ने चढ़ाई की? राकेश टिकैत ने कहा, 25 लाख लोग कंट्रोल में थे। झंडा फहराने की तो साजिश थी। इसी की तो राजनीति करते हैं कि किसान ऐसे नहीं मान रहा तो इनका मनोबल गिरा दो।

ऐंकर ने कहा, आप चाह रहे थे कि 26 जनवरी को इस तरह का आंदोलन हो। राकेश टिकैत ने जवाब दिया, हमने परेड की बात मान ली। हमने रिंग रोड मांगा तो सरकार ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इसका रूट बना देते हैं। हमने 24 नंबर सर्विस रूट के साथ एक और रास्ता मांगा। ऐंकर के टोकने पर टिकैत ने कहा, पहले बात सुन लीजिए। उन्होंने यह रास्ता भी नहीं दिया। तय हुआ की गाजीपुर की रोड दी जाएगी और दिल्ली के किनारे टच करके हम बाहर निकल जाएंगे। लेकिन पुलिस ने जो रूट हमको दिया उसीपर सख्त बैरिकेडिंग कर दी।

उन्होंने कहा कि वादाखिलाफी किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने की। उन्होंने यह भी कहा कि किसी का नाम नहीं लिया जाएगा। यह काम भारत सरकार ने किया। इसपर उन्होंने कहा, क्वेश्चन तो कर लो लेकिन फिर मेरा भी क्वेश्चन होगा और जवाब देना पड़ेगा।