भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर नाराजगी जताई है। टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारियों को परजीवी कहना ठीक नहीं है। उन्होने कहा ” महात्मा गांधी और सरदार भगत सिंह भी आंदोलनकारी थे, तो क्या वह भी परजीवी थे।”

टिकैत ने कहा मोदी ने किसानों से कोई अपील नहीं की बल्कि मोदी ने तो आंदोलन को परजीवी बताया। देश के प्रधानमंत्री को आंदोलन के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए था। अगर आंदोलन परजीवी है तो देश को आजाद करवाने वाले महात्मा गांधी,शहीद भगत सिंह क्या परजीवी थे। टिकैत ने कहा कि मोदी ने ये आंदोलनकारियों का अपमान किया है। वे पानीपत टोल प्‍लाजा पहुंचे थे। इस वक़्त वे एक खुली छत वाली लग्जरी कार में थे। जिसके बाद युवा किसान अपने-अपने फोन निकालकर राकेश टिकैत के साथ सेल्फी लेने में लग गए।

कई न्यूज़ चैनलों ने उनके इस अंदाज़ पर सवाल भी खड़े किए हैं। वहीं ऐलनाबाद के पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने किसानों को ‘आंदोलनजीवी’ कहकर मजाक उड़ाया है और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कुछ मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए देश की 80 प्रतिशत आबादी को आंदोलन के लिए मजबूर किया है।

चौटाला ने कहा कि किसानों को आंदोलनजीवी कहकर मजाक उड़ाने वालों को सबक सिखाना जरूरी है, 22 फरवरी को सिरसा में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राकेश टिकैत, किसान नेताओं के अलावा सभी खापों को पंचायतों को न्योता दिया गया है।

अभय सिंह चौटाला मंगलवार को किसान जन जागरण अभियान के तहत जिले के गांव मनोहरपुर में कार्यक्रम आयोजित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने तीन कृषि कानून बनाकर किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर देश को गुमराह किया है। चौटाला ने कहा कि देश के लोगों का प्रधानमंत्री से भरोसा उठ चुका है।