पंजाब सरकार ने केंद्र का दरवाजा खटखटाया है और पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद मांगी है। आम आदमी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इसके लिए कृषि मंत्री को पत्र लिखा है।
शिवराज सिंह को लिखे पत्र में पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुद्डियां ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन अनशन और सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर भी प्रकाश डाला।
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार 20 दिसंबर 2024 की तारीख वाला यह पत्र केंद्रीय कृषि मंत्रालय को 1 जनवरी 2025 को मिला । मंत्रालय के सूत्रों ने पत्र मिलने की पुष्टि की है लेकिन कहा कि शिवराज चौहान ने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है।
पंजाब सरकार ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह को लिखा पत्र
सूत्रों के मुताबिक, आप सरकार ने यह पत्र सुप्रीम कोर्ट द्वारा आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल का मेडिकल टेस्ट न कराने के लिए फटकार लगाए जाने के एक दिन बाद लिखा है। 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों से कहा था कि अगर आवश्यक हो तो डल्लेवाल को अस्पताल ले जाया जाए। एक सूत्र ने बताया कि पत्र में अदालत की टिप्पणियों का उल्लेख किया गया है और इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि डल्लेवाल 25 दिन से अनशन (20 दिसंबर को) पर हैं।
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SC ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल न ले जाने के लिए लगाई थी फटकार
28 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल न ले जाने के लिए कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही अदालत ने अपने 70 वर्षीय नेता के लिए चिकित्सा सहायता का विरोध करने वाले आंदोलनकारी किसानों की मंशा पर भी संदेह जताया था। वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में पंजाब सरकार ने अदालत को बताया था कि डल्लेवाल का कहना है कि वह चिकित्सा सहायता तभी स्वीकार करेंगे जब केंद्र बातचीत करने की इच्छा व्यक्त करेगा।
गुरुवार को जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल को लेकर पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि राज्य सरकार का रवैया सुलह के खिलाफ प्रतीत होता है और उसके अधिकारी गलत धारणा फैला रहे हैं कि अदालत डल्लेवाल को अनशन तोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है। पीठ ने आगाह किया कि अगर राज्य अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटता है तो उसे केंद्र से हस्तक्षेप करने के लिए कहना पड़ सकता है।
किसानों के प्रदर्शन पर क्या बोले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह?
वहीं, दूसरी ओर किसानों के विरोध प्रदर्शन पर केंद्र का रुख भी उसके पहले के रुख से अलग प्रतीत होता है जब केंद्रीय मंत्रियों ने 2020-21 और 2024 में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की थी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सवाल के जवाब में कहा, “ सुप्रीम कोर्ट जैसा निर्देश दे रहा है, उसके हिसाब से काम करेंगे ।”
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने की योजना बना रही है, चौहान ने कहा कि अदालत इस मामले को देख रही है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा। क्या वह किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित करेंगे, इस सवाल के जवाब में चौहान ने कहा, “मैं हर मंगलवार को किसान संगठनों से मिलता हूं और बातचीत करता हूं।”
गौरतलब है कि पंजाब स्थित भारतीय किसान यूनियन (BKU) सिद्धूपुर फार्म यूनियन के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित प्रदर्शनकारी कृषि संगठनों की मांगों पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर 2024 से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं । देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग