Delhi Chalo Farmers Protest: किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ सोमवार देर रात तक चली बैठक में कई समाधान नहीं निकल सका। चंडीगढ़ में केंद्र की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा की किसान संगठनों से करीब 5:30 घंटे वार्ता हुई, लेकिन यह वार्ता भी बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि उनका दिल्ली कूच रहेगा। किसान MSP पर किसी भी कीमत पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीर नहीं है।
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “लगभग 5 घंटे तक हमारी मंत्रियों के साथ बैठक चली। हमने उनके सामने एक एजेंडा रखा था लेकिन केंद्र सरकार किसी भी बात पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी। केंद्र सरकार हमसे समय मांग रही है। उन्होंने हमसे 2 साल पहले भी समय मांगा था, जब किसान आंदोलन खत्म हुआ था। अगर कोई ठोस प्रस्ताव होता तो हम समय देने के बारे में सोचते लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं है…हमने उनसे कहा कि सरकार ऐलान कर दे कि वे MSP खरीद की गारंटी का कानून बनाएंगे… लेकिन इसपर भी सहमति नहीं बनी।”
केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई। सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले… अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा… हम अभी भी मानते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो सकता है। हम आशान्वित है कि आगे बातचीत के जरिए हम समाधान निकाल लेंगे।”
किसानों के मार्च को रोकने के लिए प्रशासन ने हरियाणा से नई दिल्ली तक विशेष तैयारियां की हैं। किसानों के इस मार्च को देखते हुए हरियाणा में अर्द्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस की कुल 114 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा हरियाणा पुलिस उपद्रवियों और शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और CCTV कैमरों का इस्तेमाल कर रही है।
पंजाब से हरियाणा की तरफ बढ़ किसानों को देखते हुए हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने नागरिक प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को सार्वजनिक या निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान के मामले में संपत्ति क्षति वसूली कानून 2021 में निर्धारित किए गए नियमों का पालन करने का निर्देश दिया।