आंदोलन कर रहे किसान एक बार फिर दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार किसान बुधवार से दिल्ली कूच करना शुरू कर सकते हैं। इस बीच सरकार ने सुझाव दिया था कि किसान दिली के लिए बस और ट्रेन का इस्तेमाल करें लेकिन किसानों ने कहा है कि वे बिना बगैर ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के आगे नहीं बढ़ेंगे। इसके साथ ही प्रदर्शन कर रहे हैं किसान 10 मार्च को ट्रेन रोकने की भी योजना बना रहे हैं।

किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर ही रहेंगे- किसान नेता सरवन सिंह

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “हम किसान यहीं खनौरी और शंभू बॉर्डर पर रहेंगे। हम अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे। हम दिल्ली मार्च करेंगे क्योंकि हमने अपना फैसला नहीं बदला है। जब तक सरकार सड़कें नहीं खोल देती, हम तब तक इंतजार करेंगे। अन्य राज्यों के किसानों से 6 मार्च को ट्रेन या बस से दिल्ली आने को कहा गया है।”

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 10 मार्च को देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोको भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बार-बार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि मेरे और जगजीत सिंह डल्लेवाल जी की अगुवाई वाले दो ही किसान यूनियन ये आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 6 मार्च से होने वाला आंदोलन दिखाएगा कि यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन है। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक किसान संगठन एमएसपी को कानूनी गारंटी बनाने के लिए इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी ठोस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है।

सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं किसान नेता

बता दें कि इससे पहले सरकार ने किसान नेताओं के साथ बातचीत में सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को MSP पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया था। इसके अलावा सरकार ने भारतीय कपास निगम द्वारा MSP पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।