पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे किसान आज पैदल दिल्ली की ओर कूच कर गए जहां उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया। अंबाला के शंभू बॉर्डर, जींद के खनौरी और सोनीपत के सिंघू के पास पुलिस सुरक्षा बढ़ाई गई है। शंभू-खनौरी बॉर्डर पर करीब 10 हजार किसान जमा हो गए हैं जिन्हें रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने दोनों तरफ अर्द्धसैनिक बलों की 29 कंपनियां तैनात की हैं और सीमाओं को सील किया गया है। अंबाला में स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही 9 दिसंबर तक इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गयी है। किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर पुलिस ने अंबाला-दिल्ली सीमा पर सुरक्षा कड़ी करते हुए बैरिकेडिंग कर दी है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने गुरुवार को कहा था कि 101 किसानों का एक जत्था शंभू बॉडर विरोध प्रदर्शन स्थल से शुक्रवार दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू करेगा। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। हालांकि, अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसमें जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अगले आदेश तक पैदल, वाहन या अन्य साधनों से कोई भी जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गयी है। पढ़ें- ‘किसान संगठनों में फूट, हरियाणा की यूनियनों ने ‘दिल्ली चलो’ प्रोटेस्ट से बनाई दूरी
Farmers Protest Live: किसानों के आंदोलन पर हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि पंजाब के किसान लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारे राज्य में फसलें MSP पर खरीदी जाती हैं।हमारे किसान समझते हैं कि अगर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण रहेगी तो इंडस्ट्री ग्रो करेगी। पंजाब में किसान आंदोलन कर रहे हैं, इस वजह से वहां से इंडस्ट्री बाहर शिफ्ट हुई है। इससे किसानों का नुकसान होता है। केंद्र में किसी भी सरकार ने किसानों के लिए इतना काम नहीं किया है, जितना एनडीए सरकार ने किया है। कांग्रेस के शासन के दौरान किसानों को नुकसान हुआ। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद किसानों की हालत सुधरी है। जिस तरह से हरियाणा के सीएम किसानों की मदद कर रहे हैं, पंजाब के सीएम को भी उसी तरह से किसानों के मुद्दे सुलझाने चाहिए।
राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंदोलनकारी किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार सभी कृषि उपज एमएसपी पर खरीदेगी। उन्होंने कहा, "यह हमारी गारंटी है।"
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "पुलिस हमें दिल्ली नहीं जाने देंगे। किसान नेता घायल हो गए हैं, हम आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक करेंगे।"पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही बहुस्तरीय अवरोध लगाकर रोक दिया गया।
हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। शंभू सीमा पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "उन्हें (किसानों को) हरियाणा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। अंबाला प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 लगा दी है।"
Farmers Protest Live: हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पार करने की कोशिश करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने बैरिकेड्स हटाए।
हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस सर्विस’ को नौ दिसंबर तक निलंबित कर दिया। यह निलंबन तनाव, विवाद, आंदोलन और सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंकाओं के कारण किया गया है। शुक्रवार दोपहर को अंबाला के डंगडेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, ददियाना, बारी घेल, लार्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में प्रतिबंध लागू कर दिया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ये सेवाएं नौ दिसंबर रात 11.59 बजे तक निलंबित रहेंगी।
दिल्ली कूच के लिए शंभू बॉर्डर पर पहुंचे किसानों और पुलिस के बीच झड़प चल रही है। किसानों ने जहां बैरिकेड्स तोड़ दिए वहीं, पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।
किसानों के विरोध पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "सरकार ने किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा किया था लेकिन पंजाब में हालात ऐसे हैं कि धान की खरीद भी नहीं हो रही है. सरकार अपनी बात से मुकर गई है. यहां तक कि वाइस प्रेसिडेंट भी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है. यह सरकार जो कहती है वह करती नहीं है, इसलिए किसान आंदोलित हैं.''
किसानों के प्रदर्शन के चलते शंभू बॉर्डर के आसपास के कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
दिल्ली की ओर पैदल बढ़ रहे हजारों किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया। बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।
किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर हरियाणा के अंबाला के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं 9 दिसंबर तक निलंबित कर दी गईं।
किसानों के विरोध को देखते हुए शंभू बॉर्डर, दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर सिंघु बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शंभू बॉर्डर पर पहले से कई सिक्योरिटी की लेयर बना हुआ है। शंभू बॉर्डर पर प्रशासन ने 7 लेयर के सिक्योरिटी के बाद 3 लेयर का एक और सुरक्षा व्यवस्था तैनात किया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अंबाला के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और उन्हें 6 दिसंबर को दिल्ली तक पैदल मार्च करने के बारे में जानकारी दी। पंधेर ने कहा था कि प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि मार्च शांतिपूर्ण रहेगा और मार्ग पर यातायात अवरुद्ध नहीं किया जाएगा।
किसानों के विरोध पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, "क्या उन्होंने अनुमति ली है? उन्हें बिना अनुमति के दिल्ली जाने की परमिशन कैसे दी जा सकती है? अगर उन्हें अनुमति मिलेगी तो उन्हें परमिशन दी जाएगी। आप वहां जा रहे हैं किसी कार्यक्रम के लिए अगर आपको वहां बैठना है तो अनुमति लेनी होगी।''
किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च पर राजद सांसद मनोज झा का कहना है, "सरकार को इसमें कहां दुविधा दिख रही है? यह उनका देश है, वे अन्नदाता हैं। अगर वे एक दिन के लिए सांकेतिक हड़ताल करते हैं , देश बंद हो जाएगा"
दिल्ली पुलिस ने पंजाब के किसानों के शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च से पहले सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है और सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सिंघू बॉर्डर पर फिलहाल कम संख्या में बलों को तैनात किया गया है, लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर पर स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है।’’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस नोएडा सीमा पर भी नजर रख रही है, जहां उत्तर प्रदेश के किसानों का एक अन्य समूह धरना दे रहा है।
किसान नेता पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जत्था दिल्ली की ओर मार्च करेगा। सरकार क्या करेगी, यह उसे सोचना है। हम अपराह्न एक बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अगर अब भी सरकार उन्हें मार्च निकालने से रोकती है तो यह उनके लिए नैतिक जीत होगी। उन्होंने कहा, "केंद्र और राज्यों में उनके नेता नियमित रूप से कहते रहे हैं कि अगर किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं लाते हैं तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए इसलिए अगर हम पैदल दिल्ली जाते हैं तो किसानों को रोकने का कोई कारण नहीं होना चाहिए।"
शंभू बॉर्डर से किसान आज दोपहर 1 बजे दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "मोर्चे को चलते 297 दिन हो गए है और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 11वें दिन में प्रवेश कर गया है। आज दोपहर 1 बजे 101 किसान-मजदूर का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेगा।"
किसानों द्वारा दिल्ली मार्च पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, "हमारे चेयरमैन(उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़) ने भी कहा है कि किसानों की मांगे नहीं मानी जा रही है। सारा देश जानता है कि हमेशा किसानों के ये धोखा करते हैं। सरकार को उनकी मांगो को मानना चाहिए। उनसे बात करनी चाहिए। उन्हें आंदोलन करने के लिए विवश नहीं करना चाहिए।"
किसानों की दिल्ली मार्च करने की योजना को लेकर अंबाला में पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया और वहां सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को सीमा पर भेजा। हरियाणा सीमा पर बहुस्तरीय बैरिकेडिंग किए जाने के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। अंबाला जिला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से मार्च पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही कोई कार्रवाई करने का आग्रह किया।