कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच भी मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि किसान यहां से किसी भी कीमत पर हटने वाले नहीं हैं। साथ ही टिकैत ने के ट्वीट कर कहा कि ये कृषि कानून समाज को गुलाम बना देंगे।
किसान नेता ने एक ट्वीट कर लिखा “केवल व्यापारिक पक्ष के लिए बनाये कानून समाज को गुलाम बना देंगे,यह कृषी कानून केवल और केवल कृषी व्यापार के पक्ष मे हैं,ये बड़े बड़े उद्योगपती तो 500% गुना तक मुनाफा कमाएंगे और किसान को कुछ नहीं.! #ModiDestroyingFarmers” टिकैत ने कहा कि किसान 2024 तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे।
केवल व्यापारिक पक्ष के लिए बनाये कानून समाज को गुलाम बना देंगे,यह कृषी कानून केवल और केवल कृषी व्यापार के पक्ष मे हैं,ये बड़े बड़े उद्योगपती तो 500% गुना तक मुनाफा कमाएंगे और किसान को कुछ नहीं.!#ModiDestroyingFarmers
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) May 20, 2021
राकेश टिकैत ने किसानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की सरकारी मशीनरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के फासीवादी प्रचार तंत्र के द्वारा लगातार गलत खबरें और अफवाहें फैलाते हुए दुष्प्रचार किया जाता रहा है कि किसान-आंदोलन कमजोर हो रहा है, खत्म हो रहा है, मोर्चे टूट रहे हैं। परंतु भाजपा-आरएसएस सरकार सुन लें और याद कर लें कि जब तक केंद्र सरकार संयुक्त किसान मोर्चा की मांग के अनुसार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी और एमएसपी पर कानून नहीं बनाएगी तब तक न तो किसानों के मोर्चे हटेंगे, न मोर्चे टूटेंगे।
हिसार में पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज किए जाने पर टिकैत ने कहा कि हिसार में सरकार व पुलिस द्वारा जो किया गया वह ठीक नहीं था। जो किसान घायल हुए है क्या सरकार उनकी शिकायत पर भी पर्चा दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन से बहुत सीखा है। आंदोलन ने उन्हें एकजुटता व मजबूती सिखाई है।
महामारी को लेकर किसान नेता ने कहा “कोरोना बीमारी का रास्ता अस्पताल जाता है और किसान आंदोलन का रास्ता संसद जाता है। दोनों के रास्ते पूरी तरह से अलग हैं।” उन्होंने कहा कि वैक्सीन सरकार के पास है और ठीकरा किसानों पर फोड़ा जा रहा है। सरकार कैंप लगा कर वैक्सीन लगवाए, किसी ने इंकार नहीं किया है।