दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं और पिछले साल नवंबर में शुरू हुआ आंदोलन मार्च में भी जारी है। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की सरकार के साथ आखिरी बार बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। किसान नेता आंदोलन को तेज करते हुए देशव्यापी बनाने में लगे हैं और अलग-अलग राज्यों में रैलियां कर रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश सिंह टिकैत ने ‘आज तक’ से बात करते हुए बताया कि वे पश्चिम बंगाल जाएंगे। टिकैत ने कहा कि वे नंदीग्राम जाएंगे और उसके बाद कोलकाता में एक मीटिंग है उसमें शामिल होंगे। किसान नेता ने कहा “जब पंचायत होगी तो जाना तो पड़ेगा। जाकर किसानों से पूछेंगे आपको एमएसपी मिलता है या नहीं। उनकी फसलें खराब हो गई हैं।” टिकैत ने कहा कि हमें चुनाव नहीं लड़ना है। हम जाएंगे और लोगों से बात करेंगे।

किसान नेता ने कहा “वहां कोई नेता मिलेगा तो पूछेंगे, यहां क्या कर रहे हो। दिल्ली चलो वहां किसान बैठे हैं।” टिकैत ने कहा ” पश्चिम बंगाल की जो मुख्यमंत्री हैं- ममता बनर्जी। सुना है वहां उनके चोट मार दी। ऐसा नहीं होना चाहिए था। वह एक औरत हैं। ये महिला दिवस मना रहे हैं। एक महिला वहां पर मोर्चा संभाल रही है। उसी को चोट मरवाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया।”

टिकैत ने कहा कि हम किसानों के लिए जा रहे हैं लेकिन अगर कोई सवाल करेंगा तो उसको बोलेंगे बीजेपी को वोट मत दो बीजेपी ने देश बर्बाद कर दिया, हम तो कहेंगे ही कि इनको वोट मत दो। कोई पूछेगा कहा वोट दे तो बोलूँगा बीजेपी छोड़ कर कहीं भी दे देना। टिकैत ने आगे कहा कि दीदी की चोट से पूरे देश को चोट लगी है। झांसी की रानी अकेले लड़ रही है, उसको घेरोगे ऐसा तो नहीं होना चाहिए। क्यों किसी की चोट मारो, क्यों किसी को घायल करो।

टिकैत ने कहा “जब सरकार को जरूरत होगी तो बात करेगी। हमें तो जरूरत है नहीं। ना ही हमारे कहने से सरकार बात करेगी। तीनों बिल वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने के लिए सरकार तैयार हो तो बात कर लेंगे नहीं तो ऐसे ही चलता रहेगा।”