केंद्र सरकार की ओर भेजे गए प्रस्ताव को किसान संगठनों ने स्वीकार कर लिया है। इसी के साथ 378 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन गुरुवार को खत्म हो गया। किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज किए गए सभी केस तुरंत वापस लेने का भी ऐलान किया गया है। इसी से जुड़ा एक सवाल न्यूज एंकर ने भाजपा सांसद से पूछा, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देश के हित में और किसानों के हित में जो है, उसी को देखते हुए सरकार ने केस वापस लेने का फैसला किया है।

न्यूज 18 इंडिया के डिबेट शो ‘डंके की चोट पर’ के दौरान न्यूज एंकर अमन चोपड़ा ने सवाल किया, ”सरकार ने जो केस वापस लेने का फैसला किया है, उसमें कहा गया है कि राज्य सरकारें केस वापस लेंगी और सरकार से संबंधित विभाग और एजेंसी हैं, वे सभी केस वापस लेंगी। तो लालकिले पर जो दंगा हुआ और 400 पुलिसकर्मियों की हड्डियां तोड़ी गईं और उनको दौड़ा-दौड़ा पीटा गया, क्या वे सारे केस वापस लिए जाएंगे?”

इस पर भाजपा सांसद राजुकमार चाहर ने कहा,”सारे घटनाक्रम को देश ने देखा है, देश के लोगों के जेहन में है कि कितनी सहनशीलता के साथ किस प्रकार पीएम मोदी ने इस आंदोलन को देखा-समझा, किस तरह का रवैया किसानों का था या फिर किस तरह विपक्षी दलों ने घटनाओं का अंजाम दिया।”

एंकर के बार-बार यही सवाल पूछने पर भाजपा नेता ने कहा कि किसान यूनियन और सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में समझौता हुआ है। प्रदेश स्तर पर सरकारों को केस वापसी के लिए कहा गया है। राजकुमार चाहर ने कहा कि देश के सामने है कि एक साल के भीतर क्या-क्या घटनाक्रम हुए हैं।

हालांकि, भाजपा नेता के जवाबों से एंकर संतुष्ट नजर नहीं आए और बार-बार ये पूछते रहे कि पुलिसकर्मियों की पिटाई की घटना से संबंधित केस वापस लिए जाएंगे तो उन पुलिसकर्मियों का क्या होगा? भाजपा नेता ने कहा, ”मुझे लगता है जो आपराधिक मामले हैं, उन पर राज्य सरकारें निर्णय लेंगी।” बता दें कि किसान यूनियन ने सरकार के सामने ये शर्त रखी थी कि जब तक आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए जाते, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।