केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि भारतीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों और बाजार की कीमतों की तुलना में अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है। सिर्फ तेल के मामले में ऐसा नहीं है। गडकरी ने कहा, ‘आज की तारीख में देश 90 हजार करोड़ का तेल आयात कर रहा है। किसानों की फसल की अच्छी कीमत देने के लिए मोदी सरकार ये नए तीन कानून लेकर आई है। चीनी निर्यात करने के लिए किसानों को हम काफी ज्यादा सब्सिडी दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार ज्यादा से ज्यादा चावल भी खरीद रही है जिससे कि इथेनॉल बनाया जा सके। गांव में रोजगार आए। आने वाले 5 सालों में किसानों के लिए 5 लाख करोड़ की नई अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। किसानों को अच्छी कीमत मिल सके इसके लिए कोशिश करने वाली पहली सरकार है।’
गडकरी ने साक्षात्कार में कहा, ‘कांग्रेस ने कभी ऐसे फैसले नहीं किए। किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के साथ और सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है जिससे कि उनकी आमदनी बढ़े। कोविड के समय में खेती के लिए विशेष पैकेज दिया गया। किसानों का जीवन बदले इसके लिए काम करने वाली पहली सरकार इस देश में है।’
गडकरी ने बातचीत में कहा, ‘हमारी सरकार गांव, गरीब किसान मजदूरों का भला कर ही आगे जाएगी। पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। देश का ज्यादातर किसान कृषि कानूनों के साथ है लेकिन फिर भी अगर कुछ किसानों को आपत्ति है तो उनसे भी बातचीत की जाएगी।’
बता दें कि किसानों ने फैसला किया है कि वे रविवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक कर देंगे। पीएम मोदी की अपील के बाद भी किसान आश्वस्त नहीं हैं और उनके मन में कृषि कानून को लेकर डर बना हुआ है। सोमवार को किसानों की धरना प्रदर्शन करने की भी योजना है। पीएम मोदी ने अपील की, ‘ हमने देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए ये कानून बनाया है। जिससे देश का किसान समृद्ध हो। देश का किसान मंडी और मंडी के बाहर कहीं भी अपनी फसल बेच सकता है।’