50 दिन से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी है। प्रदर्शन कर रहे कई किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कृषि कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन का समर्थन करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने सरकार से कह दिया है कि यह बिल कैसे वापस होगी? आप इस फॉर्मूले की तलाश करें। 53 दिनों के आंदोलन में कुल 50 घंटे सरकार से बातचीत हुई है। इसमें सरकार को यह बात समझ आ गई है कि इस समस्या का समाधान किसान संगठन औऱ सरकार बैठ कर निकाल लेगी।
बलदेव सिंह सिरसा को एनआईए ने समन जारी किया है। जब सिरसा से संबंधित सवाल राकेश टिकैत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तो बहुत लोगों को पेश होना है उस गांव के लोगों को भी जिन्होंने 40 किलो आटा दिया था। उन्हें बताना होगा कि कहां से आटा खरीदा था। राकेश टिकैत ने सरकार के साथ होने वाली अगली बैठक के बारे में कहा कि 19 तारीख को अगले दौर के बातचीत में हम शामिल होंगे। ये बगैर मुकदमे की तारीख है और हमें जाना पड़ेगा।
यहां आपको बता दें कि इससे पहले NIA ने बलदेव सिंह सिरसा को पूछताछ के लिए बुलाया था। ये पूछताछ भारत विरोधी संगठनों की ओर से कई एनजीओ को की गई फंडिंग के सिलसिले में है। बलदेव सिंह सिरसा से अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के एक नेता पर दर्ज केस के सिलसिले में पूछताछ होनी है।
बहरहाल किसान नेता राकेश टिकैत ने जानकारी दी है कि 26 जनवरी को प्रदर्शन को लेकर प्रशासन से रूट के बारे में बातचीत चल रही है। इस दिन 1 लाख ट्रैक्टर यहां इकठ्ठा होंगे। यह ट्रैक्टर एक जगह रूकेंगे या फिर अलग-अलग इसे लेकर तैयारी चल रही है।
राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो सुप्रीम कोर्ट गए ही नहीं थे। ये सरकार वाया सुप्रीम कोर्ट हमें जाल में फंसाना चाहती है। लेकिन अब हमने सरकार को फंसा दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि देश में विपक्ष कमजोर है। विपक्ष सरकार से डर गया है।