केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रण भेजा है। मंगलवार को बातचीत के लिए किसानों के जिस प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया था उसमें स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव शामिल नहीं थ। यादव को केंद्र सरकार ने किसानों की वार्ता से बाहर कर दिया है। इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि सरकार नहीं चाहती कि किसी राजनीतिक व्यक्ति को इसमें शामिल किया जाए।
योगेंद्र यादव ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिन्दू’ से बात करते हुए कहा, ”गृह मंत्री अमित शाह ने ख़ुद पंजाब के नेताओं से बात की और कहा कि योगेंद्र यादव को शामिल नहीं किया जा सकता क्योंकि वो एक राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं। पंजाब के नेता मुझे बाहर किए जाने के आधार पर वार्ता का बहिष्कार करने के लिए तैयार थे लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं वार्ता से अलग रहना चाहता हूं।”
‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आंदोलन से जुड़े कुछ किसान समूह और नेता योगेंद्र यादव से नाराज़ हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि शुरुआत में यादव ने प्रदर्शनकारियों से बॉर्डर से बुराड़ी मैदान में शिफ़्ट होने का आग्रह किया था। जिसके बाद कुछ लोग नाराज़ हो गए थे। इसके अलावा कुछ लोग इसलिए नाराज़ हैं कि उनके और कुछ राष्ट्रीय नेताओं के आसपास मीडिया की मौजूदगी ज़्यादा थी। जबकि उन्होंने मुट्ठी भर प्रदर्शनकारियों को ही लामबंद किया था।
बता दें किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें बिना शर्त बातचीत के लिए आमंत्रण भेजा था, बैठक के लिए मंगलवार दोपहर 3 बजे 35 किसान नेता विज्ञान भवन पहुंचे थे। सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और योजना आय़ोग के पूर्व अध्यक्ष सोम प्रकाश बैठक में शामिल हुए।