केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों ने भी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई। प्रदर्शनकारी किसानों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस मनाया। इस दौरान सिंघु बॉर्डर पर पूर्व सैनिकों ने भी किसानों का साथ दिया और उनके समर्थन में मार्च निकाला। 

सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने ही तिरंगा झंडा फहराया और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सिंघु बॉर्डर पर पूर्व किसान नेता सतनाम सिंह ने तिरंगा फहराया। जिसके बाद पूर्व सैनिकों ने वर्दी पहनकर केएफसी रेस्तरां से लेकर सिंघु बॉर्डर के मुख्य मंच तक मार्च किया। सिंघु बॉर्डर के अलावा टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों ने धूमधाम से किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस मनाया। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने तिरंगा यात्रा भी निकाला।   

तीनों बॉर्डरों के अलावा देश के कई हिस्सों में किसानों के समर्थन में किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस मनाया गया। हरियाणा के जींद में किसानों ने तिरंगा यात्रा भी निकाली। इस दौरान तिरंगा यात्रा में शामिल रहे किसानों ने अपने ट्रैक्टर और दूसरे वाहनों पर तिरंगा झंडा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। किसान संगठनों ने पहले से ही किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस मनाने का ऐलान कर रखा था।

15 अगस्त को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर और उसके आसपास के इलाकों में काफी सुरक्षा बढ़ा दी थी और 144 भी लगा दिया था। दिल्ली पुलिस किसी भी हाल में 26 जनवरी की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देना चाहती थी। 26 जनवरी को किसान लाल किला तक पहुंच गए थे जबकि उन्हें सिर्फ दिल्ली के बाहरी इलाकों में परेड निकालने की अनुमति दी गई थी।

बता दें कि किसान आंदोलन को 8 महीने से भी अधिक का समय हो चुका है। इतने दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। जनवरी महीने के बाद से ही किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। केंद्र सरकार ने आखिरी मीटिंग में तीनों कानूनों को डेढ़ साल तक निलंबित करने का प्रस्ताव भी दिया था लेकिन किसान संगठनों ने इसे नामंजूर कर दिया था। प्रदर्शनकारी किसान तीनों कानूनों की वापसी को लेकर अड़े हुए हैं।