दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन नित नए रंग अख्तियार कर रहा है। एक तरफ जहां सरकार ने तारों की बेरीकेडिंग करके सड़कों को कीलों से पाट दिया तो बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसके विरोध में सड़क पर बैठकर खाना खाया। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि दीवार नहीं पुल बनाए सरकार। उनकी बहन प्रियंका गांधी ने एक वीडियो ट्विटर पर डाला। उन्होंने लिखा, प्रधानमंत्री जी, अपने ही किसानों से युद्ध।
राकेश टिकैत का कहना है कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि किलेबंदी के बाद सरकार रोटीबंदी करेगी। इसी के विरोध में उन्होंने सड़क पर रोटी खाकर प्रदर्शन किया। टिकैत ने कहा कि सरकार खाने को तिजोरी में बंद करना चाहती है, इसलिए हम सड़क पर बैठकर खाना खा रहे हैं। खास बात है कि टिकैत ने इस विरोध के लिए जो जगह चुनी वहां पुलिस चेतावनी लिखी हुई थी।
GOI,
Build bridges, not walls! pic.twitter.com/C7gXKsUJAi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 2, 2021
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध टूटने का नाम नहीं ले रहा है। किसान इन कानूनों को रद्द करने से कम किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हैं, वहीं सरकार, किसानों की राय लेकर इन कानूनों में सुधारों की बात कर रही है। टिकैत का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे।
प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध? pic.twitter.com/gn2P90danm
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 2, 2021
26 जनवरी को लाल किले पर झंडा फहराने की घटना के बाद एक बार लग रहा था कि किसान आंदोलन को सरकार खत्म करा देगी, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर मोर्चा संभाले राकेश टिकैत को अब दूसरी दलों के नेताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। शिवसेना सांसद संजय राउत, अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, रालोद के जयंत चौधरी, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद जैसे कई लोग राकेश टिकैत और किसानों को समर्थन दे चुके हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों को 18 माह तक स्थगित कर किसानों से चर्चा करने का सरकार का प्रस्ताव अभी भी बरकरार है। उनका कहना था कि वह किसानों से एक कॉल दूर हैं। राकेश टिकैत ने सरकार पर तंज कसते हुए आज पूछा कि वो कौन सी कॉल है। टिकैत का कहना है कि किसान सरकार से बात करने को तैयार हैं पर मांगें पूरी हुए बगैर आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।