कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को चार महीने होने पर किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया था। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही गुजरात पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। किसान नेता की गिरफ़्तारी पर राकेश टिकैत ने कहा है कि युद्धवीर को छोड़ दें नहीं तो किसान सभी नेताओं को नजरबंद करना शुरू कर देंगे।
किसान महापंचायत में लोगों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जो भी लोग गिरफ्तार हुए हैं या जिन लोगों पर भी केस हुआ है उन्हें छोड़ दें। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सुधर जाए नहीं तो लोग नेताओं को नजरबंद करना शुरू कर देंगे। इसके अलावा राकेश टिकैत ने कहा कि हो सकता है कि सरकार उन्हीं जगहों पर लॉकडाउन करे जहां किसान आंदोलन चल रहा हो। लेकिन हम सरकार की किसी भी मंशा को सफल नहीं होने देंगे।
शुक्रवार को युद्धवीर सिंह की गिरफ़्तारी के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यही असल गुजरात मॉडल है जो हम लोगों को बताना चाहते थे। गुजरात में लोग पूरी तरह से बंधे हुए हैं। देश में ऐसे हालात कहीं नहीं हैं जैसे हालात गुजरात में हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान नेता को पहली ही प्रेस कांफ्रेंस में बीच से उठा लिया गया। अगर युद्धवीर सिंह की तुरंत रिहाई नहीं होती है तो हम वहां भी आंदोलन करेंगे।
किसान संगठन युद्धवीर सिंह की रिहाई की अविलंब मांग कर रहे हैं। किसान नेता अविक साहा ने युद्धवीर सिंह की गिरफ्तारी पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी 56 इंच की छाती पर काफी घमंड है। उनको पूर्ण बहुमत की सरकार होने का गुमान है। लेकिन एक किसान नेता की प्रेस कांफ्रेंस में गिरफ्तारी से साफ़ हो गया है कि सरकार किसानों से किस हद तक डरी हुई है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने भी युद्धवीर सिंह की गिरफ़्तारी पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को चार महीने से ज्यादा का समय हो गया है। इसके बावजूद केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध बना हुआ है। शुक्रवार को भारत बंद के बाद 28 मार्च को होलिका दहन पर किसान संगठनों ने कानून की प्रतियां जलाने का निर्णय लिया है।