शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानून वापिस लेने का ऐलान किया। लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने साफ़ कर दिया है संसद से कानून की वापसी होने के बाद ही किसान अपने घर की ओर वापसी करेंगे। कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के बाद भी किसानों का केंद्र सरकार पर यकीन नहीं होने के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि पीएम शहद से भी मीठा बोल रहे हैं। हमें भरोसा नहीं है।
समाचार चैनल आजतक से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बात नहीं कर रही। मीठी मीठी बात वहां से जरूर होती है। इतना मीठा भी प्रधानमंत्री को नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि 750 किसान शहीद हुए 10 हजार मुकदमे हैं। फिर एक आंदोलन मुक़दमे के लिए होगा। बगैर बातचीत के कैसे चले जाएं। बातचीत से ही तो समाधान निकलेगा।
इसके बाद जब राकेश टिकैत से सवाल किया गया कि पहले आप कहते थे कि सरकार कड़वी है लेकिन अब कह रहे हैं सरकार जरूरत से ज्यादा मीठी है। तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का उपयोग किया कि शहद को भी फेल कर दिया। हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता। वह मीठी चाशनी पर बैठा रहता है और ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है। मीठी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है उसको बातचीत में ढाल दो।
आप तो मांगें जोड़ते जा रहे हैं- ऐंकर ने MSP का हवाला दे टोका, टिकैत ने कहा- पूरा देश, मंडियां बेची जा रहीं तो किससे बात करें
वहीं टीवी चैनल न्यूज 18 इंडिया पर बातचीत के दौरान एंकर अमन चोपड़ा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का हवाला दे किसान नेता राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि आप तो मांगों को जोड़ते जा रहे हैं। इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी गारंटी के अलावा एक और कमेटी बनेगी जो अलग अलग मसलों पर सरकारों के साथ बातचीत करेगी। पूरे देश को बेचा जा रहा है, मंडियां बेची जा रही है।
इसके बाद राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि सरकार ने बताई नहीं, रेहड़ियों पर संदेश दे दिया। संदेश से आंदोलन ख़त्म नहीं होता है। यहां पर कोरिया के किम जोंग का राज नहीं है। यहां पर टेबल पर बातचीत होगी। ये कोरिया नहीं है कि सरकारी टेलीविजन खबर चला दी और आंदोलन ख़त्म। हालांकि इसके बाद जब एंकर ने कहा कि कल को आप कृषि मंत्री बनाने की मांग कर देंगे तो राकेश टिकैत ने कहा कि इतने आगे की बात मत बताओ।
