26 जनवरी को हुई हिंसा से जुड़ी एक बड़ा जानकारी सामने आई है। पुलिस का कहना है कि धालीवाल नाम के शख्स ने विवादित टूल किट तैयार किया था जिसे हाल ही में क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था। ऐसा माना जा रहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा था। यह जानकारी पुलिस ने दी है। पुलिस ने बताया कि कुछ लोग किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान आंदोलन चलाने की कोशिश कर रहे थे।

ये बात सामने तब आई जब एक वीडियो क्लिप सामने आया जिसमें धालीवाल नाम का शख्स किसान आंदोलन के लिए लोगों से समर्थन मांग रहा था साथ ही साथ खालिस्तानी आंदोलन की बात कर रहा था। धालीवाल ने वीडियो में कहा, ”अगर कल किसी कानून वापस हो जाते हैं तो यह जीत नहीं होगी। यह तो जंग की शुरुआत है यहां खत्म नहीं होने वाली है। आपको बताया जा रहा है कि आप खालिस्तानी आंदोलन से अलग हैं ऐसा नहीं है।”

धालीवाल ने कहा, ”खालिस्तानी लोग किसानों के आंदोलन को लेकर इतने ज्यादा सक्रिय इसलिए हैं क्योंकि 40-50 साल बाद हम देख रहे हैं कि 1970 में कैसे खालिस्तानी आंदोलन ने आगे की सोची थी हमने हमारे लिए एक अलग देश की मांग इसलिए की थी कि आज ये आंदोलन ना चलाना पड़े।”

धालीवाल और उनके ग्रुप पर नजर तब बनी जब ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट शेयर किया था। इससे पहले पुलिस ने बताया था कि उन्होंने ऐसे टि्वटर हैंडल की पहचान की है जो कि पाकिस्तान से चल रहे थे और खालिस्तान से जुड़े ट्वीट कर रहे थे।


मामले पर पत्रकार सुधीर चौधरी ने ट्वीट किया, ””धालीवाल से मिलिए जिसने की टूलकिट बनाया था। ”कृषि कानूनों की वापसी जंग की शुरुआत है यह अंत नहीं है। आप खालिस्तान के आंदोलन से अलग नहीं है हम पंजाब की आजादी के लिए यहां पर हैं।” यह साजिश नहीं तो क्या है?””

सुधीर चौधरी के ट्वीट पर रिएक्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा, ”हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि ये सिख समुदाय के बारे में है। ऐसा नहीं कि सिखों में गलत लोग नहीं हो सकते। वहां भी लोग हो सकते हैं। आप इससे इंकार नहीं कर सकते।”

एक अन्य यूजर ने लिखा, ”हमारा सिख समुदाय जिस तरह से सेवा करता है। लंगर चलाता है, भूखो को खाना खिलाता है। दान पुण्य का काम करता है। उसको देखते हुए अगर कोई विदेशी कलाकार उनके फेवर मे आ गया तो क्या गलत बात है। अच्छे इंसान का दुनिया फेवर करती है। गोदी मीडिया झूठ का प्रोपेगेंडा चला रहा है।”