मोदी सरकार के नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले 7 महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। किसान कृषि क़ानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और दिल्ली से सटी सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और यूपी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि 19 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद किसान संसद में अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।

टिकैत ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा “‘संसद की ओर 200 लोग बस से जाएंगे। हम इसका किराया देंगे। जब सदन की कार्यवाही चल रही होगी तब हम संसद के बाहर बैठेंगे। यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन होगा। आज हमारी एक बैठक होगी और हम एक रणनीति बनाएंगे।’ किसान नेता ने आगे कहा “हम कह रहे है कि आप डीटीसी की बस करवाओ, हम उसका किराया देंगे। कब कहां, कैसे जाएंगे ये मीटिंग में यह होगा।”

किसान नेता ने कहा कि यूपी समेत अन्य राज्यों में भी एक अगस्त से प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा। टिकैत ने यूपी चुनाव पर कहा कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में एक पंचायत करेंगे। उसमें बड़ा फैसला लेंगे कि आगे क्या करना है।

वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बातचीत के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने दो टूक कहा है कि कृषि मंत्री फिर से बातचीत के लिए शर्तें लगा रहे हैं, जो संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य किसान संगठनों को मंजूर नहीं है।

किसान यूनियन का एक हिस्सा, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के किसान और नेता जो दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वो संसद के बाहर ‘विधिवत और शांतिपूर्ण विरोध’ प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।