26 जनवरी को दिल्ली में किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस परेड के दौरान काफी हंगामा भी हुआ था। अब पंजाब के कुछ किसान संगठनों और धार्मिक संगठनों ने दावा किया है कि इस विरोध प्रदर्शन के बाद से 400 से अधिक किसान और नौजवान लापता हो गए हैं। अमृतसर के खालसा मिशन का आरोप है कि गायब हुए सभी लोग दिल्ली पुलिस की अवैध हिरासत में हैं। खालसा मिशन ने यह भी दावा किया है कि वो जल्दी ही इस मामले में होईकोर्ट का रूख भी करेंगे। बताया जा रहा है कि लापता हुए किसान पंजाब के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। यह सभी 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाले ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए निकले थे लेकिन अब तक इनका कुछ भी पता नहीं चल सका है।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हाकम सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि पंजाब के 80-90 नौजवान 26 जनवरी को सिंघु और टिकरी सीमा पर गए थे। इस दिन दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से यह सभी जवान लापता हैं। वकीलों का एक ग्रुप इन लापता किसानों की तलाश अपने स्तर से भी कर रहा है। इस ग्रुप ने पुलिस, किसान संगठन और कई अस्पतालों से भी संपर्क किया है।

पंजाब के मानवाधिकार संगठन ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए हैं। इस संगठन के एक अधिकारी सरबजीत सिंह वेरका का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को बिना किसी केस के ज्यादा वक्त तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। इसलिए अगर पुलिस ने इन्हें पकड़ा है तो वो जल्द से जल्द उनके बारे में जानकारी दे।

मोगा के एक गांव के 12 किसानों की तलाश भी जोर-शोर से की जा रही है। इन सभी लोगों के बारे में कहा जा रहा है कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के बाद से यह लापता हैं। इन लोगों की तलाश के लिए इनके नाम और इनकी तस्वीरें भी संबंधित ग्राम पंचायत की तरफ से सार्वजनिक की गई है।

इधर इस मामले में राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र भी लिखा है। इस खत में कहा गया है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना के बाद से राज्य के 100 से अधिक किसान लापता हैं। इनके बारे में उनके परिवारों को अब तक कोई जानकारी नहीं मिल रही है। राज्य के संरक्षक के रूप में आपसे आग्रह है कि इन किसानों का पता लगाने और उनके परिवारों में उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करे।’