कृषि सुधार विधेयकों के विरोध में पंजाब में किसान आंदोलन उग्र होता दिखाई दे रहा है। दरअसल सड़कों पर उतरने के बाद अब पंजाब के किसान रेलवे ट्रैक पर आ जमे हैं। किसानों ने पंजाब में रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके चलते रेलवे को 14 ट्रेनें कैंसिल करनी पड़ी है। इतना ही नहीं किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार बिलों को वापस नहीं लेती है तो उनका आंदोलन और तेज होगा।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से संसद में पास कराए गए कृषि विधेयकों के विरोध में देशभर में किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। खासकर पंजाब में तो कांग्रेस सरकार के साथ शिरोमणी अकाली दल ने भी किसानों के विरोध को जायज ठहराया है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शनों में शामिल होते हुए अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर के घर का घेराव किया।
बता दें कि पंजाब में पहले ही 25 सिंतबर को राज्यव्यापी बंद बुलाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस ने भी इन विधेयकों को किसान-विरोधी और गरीब-विरोधी बताकर दो महीने के जनआंदोलन का ऐलान किया है।
किन विधेयकों का हो रहा है विरोध?: केंद्र सरकार ने हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 (फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल 2020) और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 (फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस बिल 2020) को पारित करा लिया था। राजनीतिक पार्टियां और किसान संगठन इन्हीं के विरोध में सड़कों पर हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक बार फिर विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। तोमर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर क्यों उनकी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में APMC एक्ट खत्म करने की बात कहते हुए अंतरराज्यीय व्यापार शुरू करने की बात कही थी। कांग्रेस ने यह बात केंद्र के साथ राज्य के घोषणापत्र में भी कही थीं। तोमर यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ किसानों को आधारहीन तथ्यों पर बहका रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी खुद इन सुधारों को लागू नहीं कर सकी, इसलिए वह यह कदम उठा रही है। मनमोहन सिंह और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार तक इन सुधारों को लाना चाहते थे, लेकिन यूपीए में कुछ दबावों की वजह से इसकी हिम्मत ही नहीं जुटाई जा सकी।
रेलवे की अंबाला मंडल ने पंजाब जाने वाली 26 अप-डाउन ट्रेन और 9 पार्सल ट्रेन को रद्द किया है। ये ट्रेन तीन दिन के लिए रद्द की गई हैं। पंजाब में कृषि विधेयक के विरोध में रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया गया है। इसके चलते अंबाला से 24, 25 और 26 सितंबर को रेलगाड़ियां बंद रहेंगी। रद्द की गई ट्रेनों में मुंबई-अमृतसर, नांदेड़-अमृतसर जैसी कई लंबी दूरी की कई ट्रेनें भी शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अगले तीन दिन तक आंदोलन के मद्देनजर मुंबई-अमृतसर, न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर, नांदेड़-अमृतसर, हरिद्वार-अमृतसर, जन शताब्दी एक्सप्रेस, जय नगर एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, पश्चिम एक्सप्रेस, करम भूमि एक्सप्रेस, गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस सहित 9 पार्सल ट्रेनें शामिल हैं।
कृषि विधेयकों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के मद्देनजर अमृतसर के DRM ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्थानीय अधिकारियों के साथ बात की। आदेश के मुताबिक अमृतसर से चलने वाली मुंबई सेंट्रल, अमृतसर से कोलकाता, अमृतसर से न्यू जलपाईगुड़ी, अमृतसर से बांद्रा टर्मिनल, अमृतसर से नांदेड़ साहिब, अमृतसर से हरिद्वार, अमृतसर से जयनगर, अमृतसर से नई दिल्ली, अमृतसर से डिब्रूगढ़, धनबाद, क्लोन ट्रेनों में अमृतसर से न्यू जलपाईगुड़ी, जयनगर और बांद्रा टर्मिनल शामिल हैं। अगर किसानों का आंदोलन दो दिन से बढ़ता है तो ट्रेनों को आगे भी रद्द किया जा सकता है। वहीं, मालगाड़ियों का संचालन आंदोलन की स्थिति को देखते हुए किया जाएगा।
शिरोमणि अकाली दल 25 सितंबर को छह जगह चक्का जाम करेगा। विधायक पवन टीनू ने सभी अकाली नेताओं से धरने में शामिल होने की अपील की है। लुधियाना के मुल्लापुर दाखां में शिअद विधायक विधायक मनप्रीत सिंह अयाली के नेतृत्व में किसानों ने धरना दिया। वहीं, जालंधर के करतारपुर में कलाकारों ने प्रदर्शन किया। सिख तालमेल कमेटी भी किसानों के समर्थन में आ गई है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को पंजाब में हो रहे किसान आंदोलन पर कहा कि रेल रोकने से सिर्फ आम लोगों को परेशानी होगी और इससे खाद्य सामग्री और अहम सामानों की लोडिंग में भी परेशानी आएगी। रेल मंत्री ने कहा कि इससे तेजी से पटरी पर लौट रही फ्रेट सर्विस और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा। बता दें कि पंजाब में किसानों ने तीन दिन के रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है।
पंजाब में कृषि विधेयकों के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को शिरोमणी अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुकीं हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ प्रदर्शन किए। बताया गया है कि अभी दोनों नेता बठिंडा के तख्त श्री डमडम साहिब के दौरे पर हैं।
पंजाब में रेल रोको अभियान की आज से शुरुआत हो गई। कई किसान संगठनों ने इस मौके पर राज्यभर में रेलवे ट्रैक्स घेर लिए। किसान मजदूर संघर्ष समिति के लोग अमृतसर में ही पटरियों पर बैठ गए। इस समिति ने ऐला किया है कि वह 24 से 26 सितंबर तक पूरे राज्य में रेल सेवाओं को बाधित करने के लिए ट्रैक्स का घेराव करेगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि विधेयकों से किसानों की आय दोगुनी होगी और यह उनके सशक्तीकरण में भी मदद करेगा। शिवराज ने कहा कि जो भी इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे किसानों के दुश्मन है और सिर्फ उन्हें बहका रहे हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों विपक्ष बिचौलियों का समर्थन कर रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि एपीएमसी को राज्य सरकारें चलाती हैं, इसलिए एक विधेयक से वे बंद नहीं हो सकती हैं। तोमर ने कहा कि हमारा कानून कहता है कि एपीएमसी मंडियों के बाहर के व्यापार क्षेत्र टैक्स मुक्त हैं। किसानों को अब स्वतंत्रता होगी कि वे अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकते हैं। इन विधेयकों से किसान एपीएमसी की जकड़ से आजाद होंगे।