सरकार और किसानों के बीच तीनों कृषि क़ानूनों को लेकर गतिरोध जारी है। 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। किसान संगठन अभी भी कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम केंद्र से ही कानून वापस कराएँगे। वहीँ किसान नेता हन्नान मुल्ला ने बार बार हो रही बैठकों को लेकर कहा कि सरकार सिर्फ समय जाया कर रही है और कोई भी फैसला नहीं कर पा रही है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी बनाने के बाद भी 9वें दौर की बातचीत हुई। इस बातचीत में भी किसानों और सरकारों के बीच कोई हल नहीं निकल पाया। अब अब अगले दौर की बैठक के लिए 19 जनवरी की तारीख रखी गयी है। बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी दो ही मांगे हैं। पहला तीनों कृषि कानून रद्द किये जाएँ और दूसरा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बने। साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि हम कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग पर अभी भी कायम हैं। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गयी कमेटी के सामने नहीं जाएंगे। हम केंद्र सरकार से ही कानून वापस कराएँगे।
बार बार हो रही बैठकों के बावजूद कोई भी हल नहीं निकलने पर किसान नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि सरकार सिर्फ हमारा समय बर्बाद कर रही है। सुबह से शाम तक सरकार हमारे साथ बैठती है लेकिन कोई भी समाधान नहीं निकाल पाती है। सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं करना चाहती है। लेकिन हम भी पीछे हटने वाले नहीं हैं। हम इन क़ानूनों को वापस करवा कर ही जाएंगे। साथ ही हन्नान मुल्ला ने कहा कि अब अगले दौर की बातचीत 19 जनवरी को होनी है। लेकिन सरकार यह समझ ले कि किसान अभी भी इन क़ानूनों को वापस ही करने की मांग पर अड़े हैं। इसलिए हम दोबारा से अगले दौर की बैठक में शामिल होंगे।
हालाँकि बैठक बेनतीजा रहने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान चाहें तो अनौपचारिक समूह बना लें और कृषि क़ानूनों पर आपत्तियों को लेकर मसौदा दें तो सरकार खुले मन से उसपर चर्चा करने को तैयार है।