महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैकवर्ड क्लास कमीशन की सिफारिश मंजूर कर मराठा आरक्षण के लिए बिल को मंजूरी दे दी है। रविवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, मराठियों को आरक्षण देने पर सहमति बन चुकी है। इस संबंध में कैबिनेट की बैठक के दौरान एसईबीसी बिल पर मुहर लगाई गई है। अब इस बिल को शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। सीएम फडणवीस ने इसके संकेत देते हुए कहा था कि, जश्न मनाने की तैयारी कीजिए। बीते दिनों राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा आरक्षण पर अपनी 200 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंप दी थी।

पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि राज्य की 32 फीसदी मराठा जनसंख्या को आरक्षण देने की जरूरत है। इस पैनल की अध्यक्षता हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जस्टिस ने की थी। आयोग की रिपोर्ट के बाद सीएम फडणवीस ने कहा था, ‘हमें पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट मिली थी, जिसमें तीन सिफारिशें की गई हैं। मराठा समुदाय को एसईबीसी के तहत से अलग से आरक्षण दिया जाएगा। हमने पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और इन पर अमल के लिए एक कैबिनेट सब कमिटी बनाई गई है।’

बता दें कि, महाराष्ट्र में पहले से 52 प्रतिशत आरक्षण लागू है और चूंकि सरकार मराठों को 16 प्रतिशत आरक्षण दे रही है तो राज्य में कुल आरक्षण की सीमा 68 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। हालांकि, राज्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित कर रखी गई है।

इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बाद में कहा था कि इस संबंध में सभी वैधानिक औपचारिकताएं 15 दिनों में पूरी कर ली जाएंगी। सूत्रों ने बताया कि बहरहाल इस पर फैसला नहीं लिया गया है कि रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश किया जाएगा या नहीं। मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान अगस्त में फड़णवीस ने टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा था कि जब आयोग अपनी रिपोर्ट सौंप देगा तो समुदाय को आरक्षण देने के संबंध में ‘‘कानून या प्रस्ताव’’ पारित करने के लिए एक महीने के भीतर राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।