कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला, जिससे राज्य में ‘नेतृत्व संकट’ खत्म हो गया। घटना से कुछ घंटे पहले, पार्टी नेता राहुल गांधी ने कहा कि “पंजाब विवाद को सुलझा लिया गया है।” बता दें कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ में चाय पर मुलाकात की। अमृतसर (पूर्व) से विधायक सिद्धू के साथ अपने संबंधों के बारे में बताते हुए, मुख्यमंत्री, जिन्होंने भारतीय सेना में सेवाएं दी हैं, ने कहा कि जब सिद्धू पैदा हुए थे, उस समय वह सीमा पर लड़ रहे थे।

राज्य कांग्रेस मुख्यालय में कार्यभार संभालने के बाद, क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने कहा कि पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता और इसकी राज्य इकाई के प्रमुख के बीच कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, “एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता और राज्य इकाई प्रमुख के बीच कोई अंतर नहीं है। पंजाब में कांग्रेस का हर कार्यकर्ता आज से पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बन गया है।” कार्यक्रम के दौरान सीएम अमरिंदर ने भी पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह पर पूर्ण विराम लगा दिया। सीएम ने कहा, ‘हमें पंजाब में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना है। मैं इस स्तर से सभी से कह रहा हूं कि हमें सिद्धू का समर्थन करना है और पंजाब के लिए मिलकर काम करना है।”

मालूम हो कि सिद्धू और अमरिंदर सिंह पिछले कुछ समय से आमने-सामने रहे हैं। सिद्धू ने हाल ही में बेअदबी के मामलों को लेकर सीएम पर हमला बोला था।

मुख्यमंत्री ने राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति का भी विरोध किया था और कहा था कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू उनके खिलाफ अपने “अपमानजनक” ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते।

सिद्धू ने शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस भवन में चार कार्यकारी अध्यक्षों के साथ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यभार संभाला। अमरिंदर सिंह और पार्टी के अन्य विधायक सबसे पहले पंजाब भवन पहुंचे, जहां से वे पंजाब कांग्रेस भवन गए। एआईसीसी में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।