How The Roys could lose NDTV: दुनिया चौथे और एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी ग्रुप ने मंगलवार (23 अगस्त) को न्यूज चैनल एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया। अडाणी ग्रुप का टेलीविजन चैनल एनडीटीवी लिमिटेड में 29.18 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी। वहीं, दूसरी तरफ एनडीटीवी ने कहा बयान जारी कर कहा, इस की किसी डील का उन्हें पता ही नहीं है. खैर, चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एनडीटीवी बिकने की कगार पर आ गया। इस ऑर्टिकल में समझेंगे इसके बिकने की पूरी कहानी क्या है?
दरअसल, एक प्रेस बयान में अडानी ग्रुप ने कहा, उसके प्रमुख अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सहायक एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने मंगलवार को विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) को खरीदा, जिसने 2009 और 2010 में एनडीटीवी प्रमोटर कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को 403.85 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। आरआरपीआर होल्डिंग का मालिकाना हक राधिका रॉय और प्रणय रॉय के पास है।
एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने साल 2009 में दूसरे कर्ज चुकाने के लिए VCPL से 403.85 करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट लोन लिया था। इस लोन के बदले में वीसीपीएल को आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के वॉरंट मिल गए। नियमों के मुताबिक, वॉरेंट को एक्सपायरेशन से पहले कभी भी शेयर्स में बदला जा सकता है। इसका मतलब है कि आरआरपीआर में 99.9 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने का अधिकार दिया।
प्रणय रॉय और राधिका रॉय की बनी रहेगी हिस्सेदारी
स्टॉक एक्सचेंजों को दिए एक बयान में, एनडीटीवी लिमिटेड ने कहा, “एनडीटीवी या उसके संस्थापक-प्रवर्तकों के साथ किसी भी चर्चा के बिना वीसीपीएल की तरफ से उन्हें एक नोटिस दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि उसने (वीसीपीएल) ने 99.50% नियंत्रण हासिल करने के अपने अधिकारों का प्रयोग किया है। स्टॉक एक्सचेंजों को एक नोटिस में एनडीटीवी ने कहा कि अधिग्रहण को एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय से किसी सूचना, बातचीत या सहमति के बिना किया गया। प्रणय रॉय और राधिका रॉय दोनों की एनडीटीवी में 32.26 फीसदी हिस्सेदारी बनी हुई है।
अडानी समूह ने किया शेयर के लिए ओपेन ऑफर की घोषणा
113.75 करोड़ रुपये में वीसीपीएल के अधिग्रहण के बाद अडानी समूह ने एक और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक ओपेन ऑफर की घोषणा किया। ग्रुप 294 रुपये प्रति शेयर का ऑफर कर रहा है। बीएसई पर एनडीटीवी का शेयर मंगलवार (23 अगस्त) को 366.20 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले दिन के बंद भाव से 2.6 फीसदी ज्यादा है। 23 अगस्त को कंपनी रजिस्ट्रार को अपनी नई फाइलिंग में अडानी समूह के स्वामित्व वाली वीसीपीएल ने अपने बोर्ड में तीन निदेशकों की नियुक्ति की घोषणा की, जिसमें संजय पुगलिया, सेंथिल चेंगलवरायण और सुदीप्त भट्टाचार्य। बता दें कि पुगलिया एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड के सीईओ हैं।
अडानी को NDTV में कंट्रोलिंग स्टेक मिल पाएगा?
हालांकि, एनडीटीवी में रॉय की अब तक अडानी समूह से ज्यादा हिस्सेदारी है, लेकिन बाजार के जानकारों का कहना है कि इस कारोबारी समूह में बढ़त है। सितंबर 2020 से 4 शेयरधारक जिनके पास डायरेक्टर्स हैं. जो एनडीटीवी में संचयी रूप से 7.11 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं। जून 2022 तक ड्रोलिया एजेंसियों के पास 1.48 प्रतिशत हिस्सेदारी, जीआरडी सिक्योरिटीज की 2.8 प्रतिशत, आदेश ब्रोकिंग की 1.5 प्रतिशत और कन्फर्म रियलबिल्ड की 1.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड, जो एनडीटीवी में 9.75 फीसदी का मालिक है. अडानी एंटरप्राइजेज में भी 1.69 फीसदी और अडानी पावर 1.09%, अडानी ट्रांसमिशन 1.63% और अडानी टोटल गैस (1.27%) समेत अन्य समूह कंपनियों का मालिक है। अगर ये दोनों निवेशक ओपन ऑफर में अपने शेयर बेचते हैं तो एनडीटीवी में अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी 46 फीसदी से ज्यादा हो जाएगी।
अडानी NDTV का स्वामित्व क्यों चाहते हैं?
दरअसल, अडानी मेन स्ट्रीम मीडिया में प्रवेश पर नजर गड़ाए हुए हैं। अडानी समूह ने पिछले सितंबर में पत्रकार संजय पुगलिया को अपनी मीडिया कंपनी अडानी मीडिया वेंचर्स का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था। पुगलिया क्विंट डिजिटल मीडिया के अध्यक्ष थे। पुगलिया ने एनडीटीवी के अधिग्रहण पर कहा, ‘यह मील का पत्थर है। AMNL इन्फॉर्मेशन और नॉलेज के साथ भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाना चाहता है। एनडीटीवी हमारे विजन को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा ब्रॉडकास्ट और डिजिटल प्लेटफॉर्म है।’