Uniform Civil Code: पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान में समान नागरिक संहिता (UCC) की इच्छा व्यक्त की गई है। संविधान के 75 साल बाद अब समय है कि इस लक्ष्य को हासिल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम देश की सभी जातियों, समुदायों और वर्गों को भरोसे में लेकर ही उठाया जाना चाहिए।

चंद्रचूड़ शनिवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की नई किताब ‘आवर लिविंग कान्सटीट्यूशन (Our Living Constitution)’ के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देश को स्थिरता प्रदान करने वाली सबसे बड़ी ताकत है। यह संविधान विभिन्न समुदायों, धर्मों, क्षेत्रों और संस्कृतियों को एक सूत्र में जोड़कर भारत को एक राष्ट्र के रूप में गढ़ता है।

संविधान पर कथित खतरे और संवैधानिक संस्थाओं को लेकर विपक्ष की चिंता पर उन्होंने कहा कि संविधान हमेशा के लिए है। पिछले 75 वर्षों में शासन, महामारी और आंतरिक-बाहरी चुनौतियों के कई दौर आए, लेकिन संविधान ने देश को स्थिरता देने का काम किया।

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यूसीसी को लेकर चर्चा युवा पीढ़ी के बेहद अहम है, क्योंकि वही देश का भविष्य है। संविधान सिर्फ दस्तावेज नहीं, बल्कि नागरिक के जीवन में बदलाव लाने वाली जीवंत ताकत है।

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इससे पहले 11 जुलाई को पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं है। हालांकि, प्रस्तावित बिल में चुनाव आयोग (ECI) को दी जाने वाली शक्तियों पर चिंता उन्होंने जताई है।

पूर्व CJI ने कहा था कि इससे ECI को विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाने या घटाने की शक्ति मिल सकती है। उन परिस्थितियों को परिभाषित किया जाना चाहिए जिनमें ECI इस शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है। चंद्रचूड़ ने एक देश-एक चुनाव पर बनी संसदीय समिति को अपनी लिखित राय सौंपी थी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 17 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव संविधान संशोधन बिल पेश किया था। वहीं, पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज की UCC पर टिप्पणी के लिए सावधान रहने के लिए कहा था। पढ़ें…पूरी खबर।