EVM Verification Ajit Pawar: महाराष्ट्र चुनाव में इस बार महायुति ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, दो तिहाई से भी ज्यादा का बहुमत हासिल हुआ है। उस बहुमत की वजह से विपक्षी खेमे के कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं, उनकी तरफ से ईवीएम पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले पवार गुट के नेता युगेंद्र यादव ने चुनाव आयोग से मांग की है कि 19 ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर की जांच की जाए। उनकी तरफ से बतौर फीस चुनाव आयोग को 8.96 लाख रुपये भी दिए गए हैं।
अब जानकारी के लिए बता दें कि अगर किसी को ईवीएम का सत्यापन करवाना था, तो चुनाव परिणाम आने के सात दिनों के भीतर आवेदन देना था। इसी वजह से जिले भर के कई उम्मीदवारों ने 137 ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए आवेदन दाखिल किया था, बताया गया है कि सामूहिक रूप से 66.64 लाख रुपये भी दिए गए।
CM पद को लेकर एकनाथ शिंदे ने दिया बड़ा बयान
समझने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही कुछ गाइडलाइन्स सेट कर रखी हैं। उन गाइडलाइन्स के मुताबिक जो उम्मीदवार अपने क्षेत्र में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहते हैं, वे अपने इलाके की 5 फीसदी ईवीएम मशीनों के माइक्रोकंट्रोलर की जांच करवा सकते हैं। अब इस मामले में क्योंकि बारामती सीट से अजित पवार ने चुनाव लड़ा और एक प्रचंड जीत दर्ज की, पवार गुट के नेता ने उस पर सवाल उठा दिए हैं। अब उनकी जांच पर ईवीएम का सत्यापन तो होगा, लेकिन देखन दिलचस्प यह रहेगा कि निष्कर्ष क्या रहता है।
वैसे एक तरफ ईवीएम जांच की अटकलें चल रही हैं तो दूसरी तरफ महायुति में सीएम पद को लेकर अभी तक सस्पेंस बरकरार है। बड़ी बात यह है कि जिन भी राज्यों में बीजेपी ने अपना मुख्यमंत्री चुनने में 72 घंटे से ज्यादा का वक्त लिया है, वहां या तो मुख्यमंत्री बदल दिया जाता है या फिर किसी नए चेहरे पर दांव चला जाता है। इस पूरी खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
