हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम को लेकर विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने कई सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि ईवीएम में छेड़छाड़ हो रही है, जो चुनावी नतीजों पर संदेह उत्पन्न कर रही है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह कैसे संभव है कि पूरे दिन के मतदान के बाद भी ईवीएम की बैटरी 99% बची रहती है। उन्होंने इसे विज्ञान के सामान्य नियमों के खिलाफ बताते हुए सवाल किया कि एक मशीन, जो सुबह से लेकर शाम तक चलती है और फिर बंद होकर स्ट्रांग रूम में रखी जाती है, उसकी बैटरी कैसे इतनी बची रह सकती है। तिवारी ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पास अनुच्छेद 324 के तहत निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, फिर ईवीएम का समर्थन क्यों किया जा रहा है?
तिवारी बोले- तकनीक के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता लोकतंत्र
तिवारी का मानना है कि लोकतंत्र की विश्वसनीयता इतनी महत्वपूर्ण है कि इसे तकनीक के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि कई देशों ने, जो पहले ईवीएम का इस्तेमाल कर चुके हैं, अब इसे छोड़कर वापस पेपर बैलेट पर लौट आए हैं। तिवारी के अनुसार, चुनाव आयोग को भी इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और भारत में पेपर बैलेट की ओर लौटने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
इसके अलावा, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि हरियाणा के हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि 99% बैटरी वाली ईवीएम पर बीजेपी जीती, जबकि 60-70% बैटरी वाली ईवीएम पर कांग्रेस की जीत हुई। खेड़ा का कहना है कि यह संयोग नहीं हो सकता और इससे चुनावी प्रक्रिया पर संदेह उत्पन्न होता है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाए और कहा कि क्या यह साजिश नहीं है? उन्होंने कहा कि जहां ईवीएम की बैटरी का स्तर अधिक था, वहां बीजेपी ने जीत हासिल की और जहां बैटरी कम थी, वहां कांग्रेस ने। कांग्रेस के अनुसार, अब तक 12 से 14 सीटों पर इस प्रकार की शिकायतें दर्ज की गई हैं।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग का कहना है कि ईवीएम में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं है, और हर कदम पर सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि इन मशीनों पर पूरी तरह से भरोसा करना मुश्किल है और चुनाव आयोग का रवैया भी इस मामले में सख्ती से सही नहीं है। कांग्रेस ने मांग की है कि चुनाव आयोग देश में फिर से पेपर बैलेट की ओर लौटे, ताकि निष्पक्षता पर जनता का भरोसा कायम रह सके।