Hapur Eviction Notice: हापुड़ जिला प्रशासन ने इंद्रा नगर में रह रहे दलित परिवारों को जारी किया गया बेदखली का नोटिस वापस ले लिया है। बताना होगा कि The India Express ने एक्सक्लूसिव खबर दी थी कि दलित परिवारों को सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया था कि इस जमीन पर उनका कब्जा अवैध है। इसे लेकर राजनीतिक विवाद भी हुआ और विपक्षी नेताओं ने इसे सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उठाया। इसके बाद सरकार बैकफुट पर आई और अब उसने बेदखली का नोटिस वापस ले लिया है।

ये परिवार हापुड़ के स्याना चौराहा क्षेत्र के इंद्रा नगर में रह रहे हैं। बताना होगा कि 41 परिवारों को बेदखल किए जाने का नोटिस मिला था। 41 परिवारों के घरों में से 40 घर प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत बनाए गए हैं।

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इस योजना को 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांच किया था और इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को घर दिए जाते हैं। इन लोगों का कहना है कि उन्हें मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन किस्तों में ढाई लाख रुपए मिले थे।

इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद हापुड़ के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गौतम ने कहा, “इस बारे में सामने आई खबर का हमने संज्ञान लिया है और सभी 41 नोटिस को वापस ले लिया गया है। लोगों ने हमें 1996 में जारी किए गए जमीन के दस्तावेज की कॉपी दिखाई है।”

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट ने एडीएम, हापुड़ की अध्यक्षता में एसडीएम और एग्जीक्यूटिव अफसर, गढ़मुक्तेश्वर की एक कमेटी बनाई है और दो हफ्ते में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

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क्या कहा गया था नोटिस में?

गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी मुक्ता सिंह की ओर इस मामले में 8 अप्रैल को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया था, “आपने नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जा करके मकान बना लिया है और आप इसे हटाना नहीं चाहते, इसलिए आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करनी जरूरी है। नोटिस मिलने के 15 दिन के अंदर जमीन से कब्जा खत्म कर जमीन नगर पालिका को सौंप दें, नहीं तो आपके खिलाफ दर्ज मुकदमे के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे।”

क्या कहना था लोगों का?

इंद्रा नगर के लोगों का कहना था कि उन्हें गढ़मुक्तेश्वर के चौपला से यहां भेजा गया था और उस समय यह इलाका गाजियाबाद जिले का हिस्सा था। लोगों ने 18 जुलाई, 1986 को तत्कालीन स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिस की एक कॉपी अभी भी संभाल कर रखी है, जिसमें उन्हें किसी दूसरी जगह बसाने के लिए कहा गया था।

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