इसमें शामिल किए गए प्रत्येक परिवार का एक अनूठा ‘कोड’ होगा और इस कदम का उद्देश्य विभिन्न सामाजिक योजनाओं के पात्र लाभार्थियों के चयन को आसान बनाना है।‘पारिवारिक पहचान पत्र’ आबंंटित करने के प्रस्तावित कदम का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्वागत किया है, लेकिन अन्य दलों ने निजी जानकारी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
दृष्टिपत्र के अनुसार, ‘प्रत्येक परिवार को एक अनूठा कोड प्रदान किया जाएगा, जिसे ‘जेके फैमिली आइडी’ कहा जाएगा। कोड में अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर और अंक संख्या होगी। परिवार डेटाबेस में उपलब्ध जानकारी का उपयोग सामाजिक लाभों के लिए लाभाथिर्यों का चयन स्वचालित चयन करने में किया जाएगा।’ दस्तावेज में कहा गया है कि जोखिम को विफल करने और संवेदनशील और महत्त्वपूर्ण जानकारी की सुरक्षा करने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सूचना सुरक्षा नीति पर काम करने की योजना बनाई है और उपयुक्त साइबर सुरक्षा ढांचे के निर्माण की भी परिकल्पना की है।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की आयुक्त सचिव प्रेरणा पुरी ने कहा कि डेटाबेस बनाने का उद्देश्य यह है कि परिवारों या व्यक्तियों प्रत्येक वैयक्तिक योजना के तहत लाभ हासिल करने के लिए आवदेन करना होगा। उन्होंने कहा कि डेटाबेस, हरियाणा के ‘परिवार पहचान पत्र’ के अनुरूप होगा, जिसमें परिवारों या व्यक्तियों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘एक बार ‘जेके फैमिली आइडी’ डेटाबेस की जानकारी प्रमाणित और सत्यापित हो जाने के बाद, किसी लाभार्थी को सेवा का लाभ उठाने के लिए कोई और दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।’कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने प्रस्तावित कदम की निंदा की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व विधायक रविंदर शर्मा ने सरकार की मंशा और ऐसे डिजिटल डेटाबेस को साइबर हमलों से बचाने की उसकी क्षमता पर सवाल उठाया।
शर्मा ने कहा, ‘सरकार हर चीज में झांकना क्यों चाहती है? उनके पास पहले से ही आधार के माध्यम से पर्याप्त जानकारी है और प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) माध्यम से लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है।’ चीन संस्थानों द्वारा साइबर हमले और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर पर रैंसमवेयर हमले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों की निजी जानकारी की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है।
नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने इस कवायद को ‘संसाधनों का अनुत्पादक उपयोग’ करार दिया। पीडीपी नेता वीरेंद्र सिंह सोनू ने कहा, जम्मू कश्मीर में बहुत सारी समस्याएं हैं जिन्हें सरकार नजरअंदाज कर रही है। अब सरकार इस डेटाबेस के जरिए किसकी पहचान करने की कोशिश कर रही है? दूसरी ओर, भाजपा ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि जिन लोगों को विभिन्न लाभ और प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ता है, वे सत्यापित डेटाबेस तैयार होने के बाद लाभान्वित होंगे।