ऑटो क्षेत्र में लगभग 10 लाख नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने दावा किया है कि एक ही महीने में तकरीबन 1.5 लाख नौकरीपेशा बढ़े हैं। दरअसल, गुरुवार (25 जुलाई, 2019) को एंप्लाई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ईएसआईसी) पेरोल डेटा सामने आया है, जिसके मुताबिक मई में 12.66 लाख नौकरियां पैदा हुई, जबकि इसी साल अप्रैल में 11.15 लाख नौकरियों का सृजन हुआ था। यानी एक महीने में 1.51 लाख नौकरियों की बढ़ोतरी हुई।

नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2018-19 के दौरान ईएसआईसी के साथ कुल 1.49 करोड़ नए ग्राहक जुड़े। एनएसओ की रिपोर्ट ईएसआईसी, रिटायरमेंट फंड संस्था ईपीएफओ और पेंशन फंड रेग्युलेट्री एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के नए ग्राहकों के पेरोल डेटा के आधार पर होती है।

एनएसओ अप्रैल, 2018 से पेरोल डेटा या इन्हीं तीन संस्थाओं के नए ग्राहकों का डेटा जारी कर रहा है। यह रिपोर्ट बताती है कि सितंबर 2017 से मार्च 2018 ईएसआईसी के बीच ईएसआईसी के साथ कुल 83.32 लाख नए ग्राहक जुड़े। इसके अलावा रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया कि मई में ईपीएफओ के साथ कुल 9.86 लाख नए नामांकन हुए, जो कि पिछले माह से कुछ कम है। यह आंकड़ा इस साल अप्रैल में 10.15 लाख था।

इससे पहले, खबर आई थी कि ऑटो इंडस्ट्री बीते कुछ वक्त से मंदी झेल रही है, जिससे वहां नौकरियों का संकट पैदा हो सकता है। हालांकि, इस खतरे से बचने के लिए ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के संगठन ऑटोमोबाइल कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा) ने एक होने का निर्णय लिया है। साथ ही कहा है कि अगर इस पूरे सेक्टर के लिए वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की दर को 18 प्रतिशत कर दिया जाए, तब नौकरियां बचाई जा सकती हैं।