कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अनक्लेम 100 करोड़ की रकम Senior Citizens’ Welfare Fund को देने का प्रस्ताव रखने वाला है। शनिवार को होने वाली केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है। वहीं इसके साथ ही ब्याज दर में बढ़ोतरी के साथ ही बैठक में कर्मचारियों के लिए कई और लाभ मिल सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2015 के सरकारी निर्देश के अनुसार, अपने लावारिस निधि से 58,000 करोड़ रुपये से अधिक के वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में 100 करोड़ की रकम ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखेगा।
2015 में जारी वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, ईपीएफ और पीपीएफ खातों और अन्य छोटी बचत योजनाओं में सात साल तक दावा न करने वाली बचत को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में बदल दिया जाना चाहिए।
दावा न किए गए फंड को वरिष्ठ नागरिकों के फंड में ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को ट्रेड यूनियनों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। एक राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन के एक प्रतिनिधि ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम दावा न किए गए पैसे के हिस्से को स्थानांतरित करने के सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे। हमें लगता है कि यह दावा न किया गया पैसा नहीं बल्कि अनसुलझा पैसा है और इसलिए इसे ईपीएफओ के पास रहना चाहिए।
ब्याज दर पर फैसला
इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि बोर्ड 2021-22 के लिए ब्याज दर पर भी फैसला करेगा। इनके अनुसार, रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद शेयर बाजार में हालिया अस्थिरता को देखते हुए ब्याज दर को 2020-21 के 8.5% के स्तर पर या मामूली रूप से 8.35-45% तक कम रखा जा सकता है।
शेयर बाजार का पड़ सकता है असर
जानकारी के अनुसार, ईपीएफओ ब्याज दर को 8.5% पर बनाए रखना चाहता है। हालांकि, शेयर बाजार पर रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव आय गणना और ब्याज दर को प्रभावित कर सकता है।