दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने कौशल बढ़ाने, दोबारा कौशल प्राप्त करने और जीवन पर्यंत सीखने को सक्षम करने के लिए शताब्दी वर्ष में घोषित ज्ञान विस्तार योजन (सीईएस) की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2023-24 से कर दी है। सीईएस के तहत पंजीकरण के लिए आनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह मुताबिक विश्वविद्यालय की इस अनूठी योजना के तहत किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति किसी पाठ्यक्रम को पढ़कर अपने ज्ञान का विस्तार कर सकता है।

इस योजना का उद्देश्य उद्यमियों के व्यवसाय को बढ़ाना, प्रबंधकीय कौशल में सुधार करना, शैक्षिक सपनों को पूरा करना, वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाना, कारीगर कौशल को उन्नत करना, विद्यार्थियों के साथ सीखने के माध्यम से आत्मविश्वास का निर्माण करना, विश्वविद्यालय के संसाधनों का उपयोग करना, विद्यार्थी गतिशीलता को बढ़ावा देना और समाज के अनुकूलन के लिए व्यावसायिक आवश्यकताओं के सक्षम बनाना है।

दिल्ली विश्वविद्यालय का आजीवन सीखने का संस्थान (आइएलएलएल) इस योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल संस्थान होगा।कोई भी व्यक्ति जो किसी मौजूदा पाठ्यक्रम के लिए निर्दिष्ट न्यूनतम पात्रता मानदंड और पूर्व-आवश्यकताएं, यदि कोई हो, पूरी करता है, तो सीटों की उपलब्धता के अधीन, उस पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण करवा सकता है। गैर वरिष्ठ नागरिकों का प्रवेश योग्यता के आधार पर किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रवेश योग्यता और उम्र के आधार पर होगा, जहां योग्यता और उम्र को क्रमश: 70 फीसद और 30 फीसद का भार दिया जाएगा। पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या उस पाठ्यक्रम की कक्षा की कुल क्षमता का अधिकतम 10 फीसद या छह सीटें, जो भी कम हो, होगी। किसी पाठ्यक्रम में सीईएस के तहत इन सीटों को अतिरिक्त माना जाएगा। इस योजना के तहत 19 अगस्त तक आवेदन किया जा सकता है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली ने ‘नेक्स्ट’ की अभ्यास परीक्षा रद्द की

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) द्वारा 2019 बैच के अंतिम वर्ष के एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय निकास परीक्षा (नेक्स्ट) को स्थगित करने के बाद एम्स-दिल्ली ने 28 जुलाई को आयोजित ‘नेक्स्ट’ अभ्यास परीक्षा को रद्द कर दिया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक नोटिस में कहा है किअभ्यास परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का पंजीकरण शुल्क वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

एनएमसी ने 13 जुलाई को कहा था कि ‘नेक्स्ट’ को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अगले निर्देश तक स्थगित कर दिया गया है। ‘नेक्स्ट’ भारत में चिकित्सा की आधुनिक प्रणाली की ‘प्रैक्टिस’ करने के लिए पंजीकरण कराने को लेकर मेडिकल स्नातक की पात्रता को प्रमाणित करने का आधार बनेगा और लाइसेंसधारी परीक्षा के रूप में काम करेगा।

यह देश में व्यापक चिकित्सा विशिष्टताओं में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक मेडिकल छात्रों के प्रवेश के लिए पात्रता और रैंकिंग निर्धारित करने का आधार भी बनेगा। इस तरह यह पीजी चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए प्रवेश परीक्षा के रूप में काम करेगा। एम्स ने कहा कि 26 जून के नोटिस के संदर्भ में भारत में एमबीबीएस पाठ्यक्रम कर रहे अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों से एनएमसी की ओर से ‘नेक्स्ट’ की अभ्यास परीक्षा के लिए 28 जून से आनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

एम्स ने कहा कि इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि एनएमसी से प्राप्त पत्र और सक्षम प्राधिकारी के निर्णय के अनुसार 28 जुलाई को आयोजित ‘नेक्स्ट’ अभ्यास परीक्षा रद्द कर दी गई है। ‘नेक्स्ट’ विनियम 2023 में कहा गया है कि परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। सरकार ने पिछले साल सितंबर में एनएमसी अधिनियम के प्रावधानों को लागू करते हुए ‘नेक्स्ट’ आयोजित करने की समय सीमा सितंबर 2024 तक बढ़ा दी थी। एनएमसी अधिनियम के अनुसार आयोग को इसके लागू होने के तीन साल के भीतर अंतिम वर्ष की स्नातक चिकित्सा परीक्षा ‘नेक्स्ट’ का संचालन करना होगा। यह अधिनियम सितंबर 2020 में लागू हुआ।