टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा शुक्रवार (23 दिसंबर) को शेयरहोल्‍डर्स की मीटिंग के दौरान भावुक हो गए। उन्‍होंने कहा कि उनकी व्‍यक्तिगत प्रतिष्‍ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है और उनके खिलाफ हो रहे अप्रमाणित हमलों ने उन्‍हें अकेला कर दिया है। नुस्‍ली वाडिया की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए टाटा ने कहा कि सत्‍य की जीत होगी। उन्‍होंने टाटा कैमिकल्‍स की जनरल मीटिंग में कहा, ”चाहे जो प्रकिया हो और चाहे जितनी दर्दनाक हो मुझे लगता है कि सच्‍चाई की जीत होगी और हमारे देश की व्‍यवस्‍था का शासन होगा। मेरे व्‍यक्तिगत सम्‍मान और इस महान समूह टाटा ग्रुप की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए कदम उठाया गया है। और इन दिनों काफी अकेलापन है क्‍योंकि अखबार हमलों से भरे हैं। उनमें से अधिकांश बिना प्रमाणों के हैं लेकिन फिर भी यह दर्दनाक है।”

टाटा ने कहा कि 150 साल पुराना टाटा ग्रुप फेयर प्‍ले और मजबूत शासन के पक्ष में है। उन्होंने कहा, ”मैं यहां से अपने शेयरहोल्‍डर्स के प्रति आभार जताने के बिना नहीं जा सकता। आप लोगों के साथ होना खुशी की बात है। और इस सप्‍ताह यहां सभी शेयरहोल्‍डर्स के साथ आने की बात से मैं भावुक हूं और आप सब लोगों के समर्थन व स्‍नेह ने मुझे अंदर तक छू लिया है। ईजीएम का फैसला कुछ भी हो सकता है लेकिन आपका समर्थन गजब का है और असाधारण है।” नुस्‍ली वाडिया को टाटा स्‍टील, टाटा मोटर्स और टाटा कैमिकल्‍स के बोर्ड से इंडिपेंडेंट डायरेक्‍टर के पद से हटा दिया गया। इसके बाद उन्‍होंने टाटा संस और इसके 11 बोर्ड मेंबर व एग्‍जीक्‍यूटिव के खिलाफ मानहानि का केस किया है।

गुरुवार (22 दिसंबर) को टाटा मोटर्स के शेयरहोल्डर्स में से 71.20 प्रतिशत लोगों ने नुस्ली को स्वतंत्र निदेशक के पद से हटाने के लिए वोट किया था। यह वोटिंग गुरुवार को एक्स्‍ट्राओर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) के दौरान मुंबई में तकरीबन तीन बजे हुई थी। वाडिया को छोड़कर वहां बोर्ड के सभी डायरेक्टर मौजूद थे। वाडिया वहां पर नहीं थे पर उन्होंने चार पन्नों का लेटर भिजवाया था। उसे EGM मीटिंग में सचिव ने पढ़कर सुनाया। पत्र में लिखा था कि वीडिया जानबूझकर मीटिंग में नहीं आए क्योंकि उससे पहले हुई मीटिंग्स को टाटा कंपनी ने अनुपयुक्त और शर्मनाक तरीके से किया था।