सुप्रीम कोर्ट आज यानी गुरुवार को चुनावी बॉन्ड (Electoral bonds) की वैधता को लेकर अहम फैसला सुनाया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नियमित सुनवाई के बाद 2 नवंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से योजना के तहत बेचे गए चुनावी बॉन्ड के संबंध में 30 सितंबर, 2023 तक डेटा जमा करने को कहा था। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने की है। इस बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं।
विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) समेत चार लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। याचिका में कहा गया कि चुनावी बॉन्ड के जरिए गुपचुप फंडिंग में पारदर्शिता को प्रभावित करती है। यह सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन करती है। किस व्यक्ति ने चंदा दिया है और कितना दिया उसकी जानकारी सामने नहीं आ पाती है।
क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड?
केंद्र सरकार ने 2017 में ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया था। संसद से पास होने के बाद 29 जनवरी 2018 को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसके जरिए राजनीतिक दलों को चंदा मिलता है। देश का कोई भी नागरिक या कंपनी किसी भी राजनीतिक पार्टी को चंदा देना चाहते हैं तो उन्हें एसबीआई से चुनावी बॉन्ड खरीदने होंगे. वे बॉन्ड खरीदकर किसी भी पार्टी को दे सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट में असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनौती देते हुए कहा गया कि इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट की ओर से किया गया। उन्होंने इसे पार्टियों को दिया है।
कौन खरीद सकता है चुनावी बॉन्ड?
चुनावी बॉन्ड को भारत का कोई भी नागरिक, कंपनी या संस्था खरीद सकती हैं। ये बॉन्ड 1000, 10 हजार, 1 लाख और 1 करोड़ रुपये तक के हो सकते हैं। हालांकि इन्हें प्राप्त केवल राजनीतिक दल ही करते हैं, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत रजिस्टर्ड हैं और जिन्हें पिछले लोकसभा या राज्य चुनाव में एक प्रतिशत से अधिक वोट मिले हों। चुनावी बॉन्ड भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से मिलते हैं। इन बॉन्ड को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की 29 शाखाओं से खरीदा जा सकता है। इसमें नई दिल्ली, गांधीनगर, चंडीगढ़, बेंगलुरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर, भोपाल, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, कलकत्ता और गुवाहाटी समेत कई शहर में हैं।
