इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त रुख अपना रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड की पूरी जानकारी दे दी है। चुनाव आयोग इस जानकारी को अपनी बेवसाइट पर अपलोड भी कर चुकी है। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर एसबीआई को झटका दिया है। दरअसल एसबीआई की ओर से चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड के यूनिक कोड नहीं दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इसके लिए सोमवार तक का समय दिया है।

चुनावी बॉन्ड का यूनिक कोड कनेक्शन क्या है?

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। इसकी पैरवी वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण कर रहे हैं। ADR ने अपनी मूल अर्जी में चुनावी बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी। एसबीआई की ओर से चुनाव आयोग को बॉन्ड की जानकारी तो मुहैया कराई गई है लेकिन यूनिक कोड नहीं दिए हैं। ऐसे में किन संस्था या व्यक्ति की ओर से कब बॉन्ड खरीदा गया और उसे किस पार्टी ने भुनाया, इसकी जानकारी यूनिक कोड से मिल सकेगी।

यूनिक कोड पर SBI की दलील

चुनावी बॉन्ड के कागज पर एक सीक्रेट नंबर होता है। इसे केवल अल्ट्रा वॉयलेट लाइट में ही जा सकता है। इसे चुनावी बॉन्ड पर सुरक्षा के लिए लगाया गया है जिससे उसकी खरीद और उसे भुनाने की तारीख से जोड़ा जा सके। SBI ने हर इलेक्टोरल बॉन्ड पर छपे यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड की जानकारी नहीं दी है। उसका कहना है कि एक-एक बॉन्ड की जानकारी निकालने में काफी समय लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई में एक हलफनामा भी पेश किया है। इसमें कहा गया है कि उसकी ओर से 12 मार्च को चुनाव आयोग को एक लिस्ट सौंपी गई है। यह जानकारी SBI ने एक सीलबंद लिफाफे में एक पेनड्राइव और दो पीडीएफ फाइल के जरिए चुनाव आयोग को सौंप दी है।

क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि एसबीआई को हमारा निर्देश एकदम स्पष्ट था। हमने एसबीआई को पूरी जानकारी देने को कहा था। एसबीआई की ओर से यूनिक कोड की जानकारी नहीं दी गई है। एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च तक पूरी जानकारी देने को कहा है।