उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से गठबंधन को लेकर कवायद जारी है। इस बीच रविवार को एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी 100 सीटों पर चुनाव में उतरेगी। इधर उनके गठबंधन सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि अभी इस पर कोई बात ही नहीं हुई है।

उत्तर प्रदेश के बलिया में सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ने ओवैसी की पार्टी द्वारा भागीदारी संकल्प मोर्चे में 100 सीटों की हिस्सेदारी की बात पर कहा कि यह बयान गलत चल रहा है। ओवैसी की मायावती से या मायावती की ओवैसी से कोई बात नहीं हुई है। ओवैसी जी ने कहा है कि हम मोर्चे में रहेंगे और जो सीट मिलेगी हम उस पर ही चुनाव लड़ेंगे। हम तो कह रहे हैं कि ओवैसी सवा सौ सीट पर लड़े लेकिन कैंडिडेट भी तो होना चाहिए?

बताते चलें कि रविवार को हैदराबाद के सांसद ने हिंदी में ट्वीट कर घोषणा की थी कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेगी । ओवैसी आम तौर पर अंग्रेजी में सोशल मीडिया पर संदेश देते हैं। ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश विधानसभा के संबंध में हमने 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है ।’’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘‘हम ओपी राजभर साहब ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ के साथ हैं। हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है ।’’ उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार विधानासभा चुनाव में एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर उसे जीत मिली थी।

यूपी का जातीय गणित: बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों में जातिगत समीकरण की अहम भूमिका देखी गयी है। प्रदेश में 14 प्रतिशत जाटव मतदाता हैं, 10 प्रतिशत यादव मतदाता है। जबकि मुस्लिमों की आबादी 15 प्रतिशत बतायी जाती है। ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी 9 प्रतिशत है।