बीते 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस खुद को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाने पर काम कर रही है। इस बीच माना जा रहा था कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और आगामी चुनावों में कांग्रेस को मजबूत करेंगे। हालांकि दोनों के बीच बात नहीं बन पाई और प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया।

बता दें कि अब प्रशांत किशोर ने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस से बात नहीं बनने की वजह बताई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ बातचीत शुरू होने से पहले मेरी उनके साथ एक ही शर्त थी कि जोकि कुछ भी प्लान है, उसका एक बार निरीक्षण कर लें और मेरे कांग्रेस में शामिल होने से पहले उसपर एक सहमति बन जाये।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मेरे साथ इस प्लान जिससे पार्टी को मजबूत बनाया जा सकता था, उस पर गंभीरता से चर्चा भी की। इसमें मेरा सुझाव था कि इस बड़ी जिम्मेदारी को निभाने के लिए इम्पॉवर एक्शन ग्रुप बनाया जाये। जिसे पार्टी की तरफ संवैधानिक अधिकार मिले। जो कांग्रेस अध्यक्ष के सुपरविजन में काम करे। उन लोगों ने मेरी ये बातें मानी भी। जिससे यह ग्रुप निर्धारित किये गये ब्लू प्रिंट को अंजाम दे सके।

प्रशांत किशोर ने आगे बताया कि कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी में इलेक्शन, कम्युनिकेशन या फिर संगठन के काम को करने के लिए पहले से ही पार्टी में संवैधानिक व्यवस्था बनी हुई है। ऐसे में बदलाव के लिए बनी इम्पॉवर ग्रुप को कहा जाए कि सब ठीक करके दीजिए तो यह काफी लंबे समय तक काम नहीं कर पाता।

प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे ऐसा लगा कि अगर हम इसको आगे बढ़ाते हैं तो पार्टी में जो पुरानी व्यवस्था है और इम्पॉवर ग्रुप के बीच विरोधाभास पैदा होगा। क्योंकि पहले से बनी व्यवस्था के पास एक संवैधानिक प्रक्रिया है। ऐसे में मेरे मन में ये शंका रही कि इम्पॉवर ग्रुप के पास पार्टी के संवैधानिक अधिकार ना होने की वजह से यह ग्रुप ब्लू प्रिंट को पूरी तरह से अंजाम नहीं दे पाता, जिसकी उम्मीद की जा रही थी।

इस बात को मैंने उनके सामने रखी, लेकिन उन्होंने इसको लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया कि वो इसे क्यों नहीं कर रहे हैं या आगे करेंगे। जिसके बाद मैंने उन्हें मना कर दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि ये कांग्रेस जैसी बड़ा पार्टी का बड़प्पन है कि वो उन्होंने मुझे बुलाया।

बता दें कि हाल ही में द इंडियन एक्सप्रेस के ई-अड्डा कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को विपक्ष में रहने और विपक्षी दल की तरह व्यवहार करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को ‘कहानी कहने और बने रहने की कोशिश’ का प्रयास करना चाहिए न कि चेहरों की चिंता करनी चाहिए।