असम विधानसभा चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में भाजपा के कद्दावर नेता और राज्य सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को पहले निर्वाचन आयोग ने  48 घंटों के लिए प्रचार प्रसार करने से रोक दिया था। लेकिन अब चुनाव आयोग ने सरमा पर मेहरबानी करते हुए चुनाव प्रचार के रोक की अवधि को घटाकर सिर्फ 24 घंटे कर दिया है। सरमा शनिवार शाम से अपना चुनाव प्रचार कर सकेंगे।

बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि अगर बोडोलैंड फ्रंट के प्रमुख हगराम मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा दिया जाएगा। जिसके बाद कांग्रेस ने 30 मार्च को चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि सरमा ने बीपीएफ प्रमुख को धमकी दी है जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। इस चुनाव में  बीपीएफ का गठबंधन कांग्रेस के साथ है। 

चुनाव आयोग ने इस संबंध में सरमा को कारण बताओ नोटिस भी भेजा था। जिसका जवाब सरमा ने चुनाव आयोग को भेजा था लेकिन आयोग सरमा के जवाबों से संतुष्ट नहीं था। जिसके बाद आयोग ने शुक्रवार को असम सरकार में मंत्री हेमंत सरमा को बोडोलैंड फ्रंट के प्रमुख हगराम मोहिलारी के खिलाफ धमकी देने के आरोप में 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था।

आयोग ने उन्हें दो अप्रैल से 48 घंटों के लिए विधानसभा चुनाव में कोई भी जनसभा आयोजित करने, जुलूस, रैलियां, रोड शो निकालने, साक्षात्कार देने और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) से बात करने से रोक दिया था।

भाजपा नेता हेमंत सरमा जालुकबारी विधानसभा से अपना भाग्य आजमा रहे हैं। 6 अप्रैल को तीसरे चरण में यहां वोटिंग होगी। रविवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अमित शाह भाजपा नेता हेमंत सरमा के पक्ष में रोड शो भी करेंगे। आयोग के द्वारा सरमा के चुनाव प्रचार पर रोक लगने की वजह से वे अमित शाह के साथ रोड शो में शामिल नहीं होने वाले थे। लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि चुनाव प्रचार पर रोक की अवधि घटने के बाद वह अमित शाह के साथ रोड शो में शामिल हो सकते हैं।

ज्ञात हो कि असम विधानसभा की कुल 126 सीट में से 86 सीट पर वोटिंग हो चुकी है। बाकी बची 40 सीटों पर तीसरे व अंतिम चरण में वोट डाले जाएंगे। 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।