जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जी सी मुर्मू के एक बयान पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई है। चुनाव आयोग ने उनके बयान पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि कोई दखलअंदाजी ना करे। दरअसल, खबरों के मतुबाकि मुर्मू ने कहा था कि राज्य में चल रहे परिसीमन के बाद चुनाव करवाए जा सकते हैं। उनके इस बयान पर चुनाव आयोग ने कहा कि बेहतर होगा कि चुनाव आयोग के अलावा कोई अन्य ऐसे बयान देने से बचे। ऐसा करना  संवैधानिक अधिकार उल्लंघन करने के बराबर है।

चुनाव आयोग ने कहा कि फिलहाल कोरोना वायरस के कारण माहौल चुनौतीपूर्ण हैं। चुनाव कराने के लिए काफी चीजों का ध्यान देना पड़ता है। नया नक्शा तैयार करना होता है, मौसम, इलाके में तनाव की स्थिति और स्थानीय त्योहरों इत्यादि को देखते हुए चुनाव की तारीखें तय की जाती है।

बता दें कि जम्मू और कश्मीर में जून 2018 से कोई सरकार नहीं बनी है।राज्य में भाजपा ने महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ अपना सत्तारूढ़ गठबंधन समाप्त कर लिया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि अप्रैल-मई में राष्ट्रीय चुनाव के साथ-साथ राज्य के चुनाव भी होंगे, लेकिन चुनाव आयोग ने सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था। वहीं, बिहार में विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक उपचुनाव होने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में, केंद्र ने जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनकर अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव किया था। केंद्र ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। इस दौरान वहां के अधिकांश स्थानीय नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था।