Election Results 2019: गुरुवार को घोषित हुए नतीजों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी शानदार प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर केन्द्र की सत्ता पर काबिज हो गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया और विरोधियों को चारों खाने चित्त कर दिया। भाजपा की जीत में पश्चिम बंगाल की जीत शायद सबसे खास रही और पार्टी ने राज्य की 42 सीटों में से 18 पर जीत दर्ज कर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है। 22 सीटों पर टीएमसी को जीत मिली है और बाकी की 2 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हुआ है। जिसे लेकर पश्चिम बंगाल में भाजपा समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। इसी उत्साह में भाजपा समर्थकों ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यालय पर ही कब्जा कर लिया।
Election Results 2019 LIVE Updates: यहां देखें नतीजे
पश्चिम बंगाल की सीट बर्धमान-दुर्गापुर से भाजपा के एस.एस.अहलूवालिया ने करीबी मुकाबले में टीएमसी की डॉक्टर ममताज संघमिता को हराया। एस.एस अहलूवालिया को मतगणना के बाद 5,97,450 वोट मिले, वहीं टीएमसी की ममताज संघमिता को 5,95,611 वोट मिले। भाजपा उम्मीदवार की जीत की खबर मिलते ही पार्टी कार्यकर्ता इतने उत्साहित हो गए कि उन्होंने जीत के बाद एक विजयी रैली निकाली। टाइम्स नाऊ की एक खबर के अनुसार, इसी रैली के दौरान भाजपा समर्थकों ने कथित तौर पर टीएमसी के एक कार्यालय पर कब्जा कर लिया।
West Bengal: BJP captures TMC offices after win in Durgapur. @Tamal0401 with the details. pic.twitter.com/EcL2BRUQqj
— TIMES NOW (@TimesNow) May 24, 2019
खबर के अनुसार, भाजपा समर्थकों ने टीएमसी कार्यालय से पार्टी के झंडे-बैनर हटाकर उनकी जगह पर भाजपा के झंडे लगा दिए और पार्टी ऑफिस में दीवारों पर दिखाई दे रहे टीएमसी के चुनाव चिन्ह को मिटा दिया। भाजपा समर्थकों का कहना था कि वह टीएमसी समर्थकों को कथित तौर पर सबक सिखाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि आम चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की कई घटनाएं सामने आयीं। इसके अलावा वाम दलों के समय से ही बंगाल में चुनावी हिंसा होती रही है। अब राज्य में सत्ता पर काबिज टीएमसी और केन्द्र में सत्ता पर काबिज भाजपा के बीच सीधी लड़ाई थी। इस दौरान भाजपा और टीएमसी दोनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते रहे। चुनावों के दौरान हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने बंगाल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे और अर्द्धसैनिक बलों की कई कंपनियां राज्य में तैनात की गईं थी।