महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में विभाजन के पीछे उद्धव को जिम्मेदार बताया है। शिंदे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के खिलाफ थी जबकि शिवसेना और भाजपा का गठबंधन आगे बढ़ने का सही रास्ता था। शिंदे ने कहा कि उद्धव ने केवल अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए बालासाहेब ठाकरे की इच्छा के विरुद्ध कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और इसलिए हमने भाजपा के साथ गठबंधन बनाया।
निजी हितों के लिए उद्धव ने कांग्रेस के साथ किया गठबंधन- एकनाथ शिंदे
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा, ”मैं महाविकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा था, लेकिन जो सरकार बनी, वह बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के खिलाफ थी। हालांकि उद्धव ठाकरे के निजी हितों के कारण कांग्रेस के साथ गठबंधन करना पड़ा, जो बालासाहेब कभी नहीं चाहते थे।”
एकनाथ शिंदे ने कहा, “शिवसेना कार्यकर्ताओं के रूप में हमने पार्टी अनुशासन का पालन किया और बदलाव की आवश्यकता को महसूस किया। हमने शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार बनाने का प्रयास किया, लेकिन हम असफल रहे और दुर्भाग्य से हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं को नुकसान उठाना पड़ा। हमने महाराष्ट्र के लोगों की बात सुनने का फैसला किया, जो शिवसेना-भाजपा गठबंधन चाहते थे। हमारे विधायक भी थक गए थे क्योंकि उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में कोई काम नहीं हुआ था। इसलिए हमने सरकार बदल दी और भाजपा और शिवसेना के गठबंधन के साथ नई सरकार बनाई।”
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महायुति सरकार की सराहना करते हुए सीएम शिंदे ने इस बात पर गर्व जताया कि इस सरकार ने व्यक्तिगत लाभ पर लोगों के हितों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने उन परियोजनाओं को फिर से शुरू किया जो एमवीए शासन द्वारा रोक दी गई थीं। महायुति की उपलब्धि पर सीएम शिंदे ने कहा कि उनके शासन के दौरान महाराष्ट्र कई क्षेत्रों में शीर्ष पर रहा, चाहे जीडीपी हो, एफडीआई हो, जीएसटी हो या स्वच्छता। उन्होंने कहा कि केवल उनके शासन के दौरान राज्य ने 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ।
हमने लोगों के हितों को प्राथमिकता दी- एकनाथ शिंदे
सीएम शिंदे ने कहा, ”मुझे गर्व और खुशी है कि हमने व्यक्तिगत लाभ से अधिक लोगों के हितों को प्राथमिकता दी। पिछले दो वर्षों में हमारी सरकार को अपने काम के लिए प्रशंसा मिली है। पहले दिन से हमने किसानों पर ध्यान केंद्रित किया। श्रमिक, युवा और विकास परियोजनाएं हमारी प्राथमिकता रही। हमने महाराष्ट्र को निवेश-अनुकूल बनाते हुए मेट्रो, बुलेट ट्रेन और हाई-वे जैसी रुकी हुई परियोजनाओं को फिर से शुरू किया। पिछले ढाई वर्षों में एमवीए शासन के दौरान महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर था, लेकिन जब हम आए, तो महाराष्ट्र जीडीपी, एफडीआई, जीएसटी और स्वच्छता में शीर्ष पर था। हमने दो वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया है और मैं आभारी हूं।”