उत्तर प्रदेश में 37 बरस बाद पूर्ण बहुमत की दोबारा सरकार बनाने जा रही भारतीय जनता पाटी योगी आदित्यनाथ की अगुआई में जातिगत समीकरण साधने की कवायद में जुटी हुई है। 25 मार्च को इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण को भव्य स्वरूप देने में भाजपा जुट गई है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व देश की नामचीन हस्तियों को शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए न्योता भेजा जा चुका है। इस समारोह में देश के नामचीन उद्योगपतियों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है।

उत्तर प्रदेश में दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली भाजपा ने आदित्यनाथ की अगुआई में इस बार नई रणनीति अपनाई है। 25 मार्च को आदित्यनाथ के शपथ गृहण समारोह के बाद होने वाले मंत्रिमंडल के गठन में पूरे उत्तर प्रदेश की भागीदारी सुनिश्चित करने की तैयारी है। मसलन, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से तीन, रुहेलखण्ड से दो, बुंदेलखण्ड से चार, मध्य उत्तर प्रदेश से पांच और पूर्वी उत्तर प्रदेश से सात विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान मिलना तय माना जा रहा है।

इतना ही नहीं, इस बार भी दो उपमुख्यमंत्रियों पर दांव लगाने की पार्टी आलाकमान तैयारी कर रहा है। इनमें एक उपमुख्यमंत्री ब्राह्मण समाज से होने की बात कही जा रही है। इसकी एक माकूल वजह है। 18वीं विधानसभा के चुनाव के दरम्यान भारतीय जनता पार्टी से आंशिक तौर पर कुछ जगहों पर ब्राह्मणों की नाराजगी सामने आई थी। इस चुनाव में करीब 20 फीसद ब्राह्मणों ने समाजवादी पार्टी और अन्य दलों का दामन थाम लिया था।

ब्राह्मणों की इस नाराजगी को दूर करने के लिए किसी मजबूत ब्राह्मण नेता पर भाजपा दांव लगाने क तैयारी में है। इसमें सबसे ऊपर नाम लक्ष्मीकान्त बाजपेई का है। जिनकी अगुआई में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बेहद शानदान जीत दर्ज की थी और प्रदेश की 80 में से 75 लोकसभा सीटें जीती थीं। लक्ष्मीकान्त बाजपेई का शुमार प्रदेश के जमीनी नेताओं में रहा है।

वहीं, उपमुख्यमंत्री के पद पर बेबी रानी मौर्य का नाम भी प्रमुखता से सामने आया है। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से मिली करारी हार के बाद पार्टी किसी ऐसे नेता को उनके स्थान पर उपमुख्यमंत्री का पद देना चाहती है, जिसकी बिरादरी में खासी दखल हो। इस हिसाब से बेबी रानी मौर्य का नाम सबसे आगे है।

विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 255 और अपने सहयोगियों के साथ 273 सीटें जीती हैं। इनमें पिछड़ा वर्ग के 89, अनुसूचित जाति के 63 और अनुसूचित जनजाति के दो विधायक हैं। योगी मंत्रिमंडल में बुन्देलखण्ड क्षेत्र को खासी प्राथमिकता देने की बात कही जा रही है। इसकी बड़ी वह इस इलाके में हर घर नल योजना और बुन्देलखण्ड के चतुर्दिक विकास की योजनाएं हैं।

इकाना स्टेडियम में 25 मार्च को होने वाले शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा सरकार के सभी मुख्यमंत्री शामिल होंगे। 50,000 लोगों को शपथ ग्रहण समारोह में न्योता भेजा गया है। इनमें देश के नामचीन उद्योगपति भी शामिल हैं। शपथ गृहण समारोह में आने वाले लोगों का मुंह लड्डू से मीठा कराने की तैयारी है। इकाना स्टेडियम और पूरे लखनऊ शहर को दुल्हन की तरह सजाने का काम शुरू हो चुका है।

37 बरस बाद उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली भाजपा योगी मंत्रिमंडल में किस जाति के कितने मंत्रियों को जगह देती है? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि इस बार ब्राह्मणों को योगी सरकार में खास तरजीह दी जाएगी। क्योंकि भाजपा आलाकमान इस बात को लेकर सजग है कि दो साल बाद होने वाले लोगसभा के चुनाव में मतदाताओं की इस बिरादरी को संतुष्ट किया जाए। ऐसा न होने पर उसका बना बनाया खेल बिगड़ सकता है।