बिहार की नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने शपथ ग्रहण के साथ ही कार्यभार संभाल लिया है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश समेत 15 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। नवगठित नीतीश कैबिनेट में भाजपा कोटे से 7 और जदयू कोटे से 5 मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम)से संतोष कुमार सुमन और चुनाव हार चुके वीआईपी के मुकेश सहनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली। नई सरकार में फिलहाल कई मंत्री उच्च शिक्षित हैं तो कुछ ने मैट्रिक तक की ही शिक्षा ली है।

जनता दल (यू) के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंजीनियरिंग तक की शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने पटना के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। वही उनके डिप्टी और सरकार में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद केवल इंटर पास हैं। उन्हें बीजेपी के विधानमंडल दल (विधानसभा और विधान परिषद) का नेता भी चुना गया है। सरकार में दूसरी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने भी इंटरमीडिएट तक की ही शिक्षा ली हैं।

सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी पटना विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट (MA) पास हैं तो अशोक चौधरी ने मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। शीला देवी और जिबेश कुमार दोनों ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की है। अमरेंद्र प्रताप सिंह मगध विश्वविद्यालय से साइंस में ग्रेजुएट हैं। एक अन्य मंत्री बिजयेंद्र सिंह यादव ने सिर्फ उच्चतर माध्यमिक तक की ही शिक्षा ली है।

मंत्रीमंडल में वरिष्ठ मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी उच्च शिक्षित हैं। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी भी मंत्री बनाए गए है्ं, हालांकि वे चुनाव हार गए हैं। मुकेश सहनी की शिक्षा काफी कम है। वह मैट्रिक भी पास नहीं है, जबकि रामसूरत कुमार भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से स्नातक हैं।