प्रवर्तन निदेशालय (ED) तमाम घोटालों की जांच और कार्रवाई के दौरान जब्त पैसों को अब पीड़ितों को वापस करेगा। एजेंसी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। ये पैसे चिटफंड और इसी तरह की दूसरी योजनाओं में आरोपी कंपनियों ने जनता से वसूले थे। फिलहाल ईडी करीब 12 करोड़ रुपये 22 लाख पीड़ितों को वापस करेगी। इससे इनके चेहरों पर खुशी आ गई है। इन पैसों को 2013 में हुए बहुचर्चित फाइनेंशियल स्कैम कोलकाता रोज वैली में एकत्र किया गया था। पैसों को रोज वैली ग्रुप की कंपनियों में जमा किया गया था।

रोज वैली ग्रुप ने छोटे निवेशकों से लिए थे पैसे

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रोज वैली ग्रुप की कंपनियों ने छोटे-छोटे निवेशकों से पैसे लेकर उसे अपनी कंपनियों के एकाउंट में जमा करा दिया गया था। ग्रुप ने निवेशकों से भारी भरकम ब्याज के साथ रिटर्न का वादा किया था, हालांकि ग्रुप ने एक भी रुपये वापस नहीं किए।

कोलकाता में विशेष पीएमएलए कोर्ट ने 24 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया कि वह रोज वैली घोटाले के करीब 12 करोड़ रुपये उन लोगों को वापस करें, जिनसे वे जमा कराए गये थे। ये पैसे कोर्ट द्वारा निगरानी की जाने वाली परिसंपत्ति निपटान समिति (ADC) 14 जब्त एफडी में वापस कराएगी। कोर्ट ने कहा है कि धनराशि उसके वास्तविक दावेदार को आनुपातिक आधार पर या एडीसी या कोर्ट के आदेश के अनुसार वितरित की जाएं।

अपने चुनाव अभियान के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता से यह वादा किया था कि उनकी सरकार जनता से फ्राड करके लिए गये पैसों को कानूनी तरीके से वापस कराएंगे। प्रधानमंत्री के इसी वादे के तहत प्रवर्तन निदेशालय घोटाले के पीड़ित छोटे निवेशकों के पैसे वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है।

कोलकाता कोर्ट और ईडी ने पीएमएलए की धारा 8(8) में एक नया तरीका निकाला है, जिसके तहत ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्ति को कानूनी रूप से दावेदार को वापस किया जा सकता है। ये वे दावेदार हैं, जिन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के चलते नुकसान हुआ हो।