प्रवर्तन निदेशालय ने अस्पतालों के निर्माण में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में मंगलवार को आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर पर छापा मारा। दिल्ली की एसीबी ने जून में भारद्वाज और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ दिल्ली भर में अस्पतालों के निर्माण में लागत की बढ़ोतरी और भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में मामला दर्ज किया था।
सौरभ भारद्वाज के आवास पर छापेमारी के बाद आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “आज सौरभ जी के यहाँ रेड क्यों हुई? क्योंकि पूरे देश में मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं। क्या मोदी जी की डिग्री फर्जी है? इस चर्चा से ध्यान हटाने के लिए ही रेड डाली गई है। जिस समय का केस बताया जा रहा है, उस समय सौरभ जी मंत्री भी नहीं थे। यानी पूरा केस ही झूठा है। सत्येंद्र जी को भी तीन साल जेल में रखकर आखिरकार CBI/ED को क्लोज़र रिपोर्ट देनी पड़ी। इससे साफ़ है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर लगाए गए सारे केस सिर्फ झूठ और राजनीति से प्रेरित हैं।”
सौरभ भारद्वाज के खिलाफ दर्ज मामला झूठा – संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, “सौरभ भारद्वाज के खिलाफ दर्ज मामला झूठा और निराधार है। जिस समय ईडी ने मामला दर्ज किया था, उस समय वह मंत्री भी नहीं थे। आप नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करना और उन्हें जेल में डालना मोदी सरकार की नीति है। यह सभी AAP नेताओं को एक-एक करके परेशान करने और जेल में डालने के लिए किया जा रहा है। पीएम मोदी की फर्जी डिग्री से ध्यान हटाने के लिए छापेमारी की जा रही है। पीएम मोदी की फर्जी डिग्री पर चर्चा होने से रोकने के लिए ईडी ने छापेमारी की है।”
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अस्पताल निर्माण से जुड़ा है मामला?
अब मामले की बात करें तो यह अस्पताल निर्माण का कथित घोटाला 5590 करोड़ रुपये का है। 2018-2019 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 24 अस्पतालों के निर्माण के लिए 5,590 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंज़ूरी दी थी। आईसीयू अस्पताल का निर्माण छह महीने में पूरा होना था, लेकिन तीन साल बाद भी काम अधूरा पड़ा है। 800 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद केवल 50 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। एलएनजेपी अस्पताल की लागत 488 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये हो गई। कई जगहों पर निर्माण कार्य बिना अनुमति के शुरू कर दिया गया और ठेकेदारों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। एचआईएमएस का काम 2016 से ही लंबित है और इसमें जानबूझकर देरी के आरोप लगे हैं। इस मामले में सौरभ भारद्वाज के अलावा आप नेता सत्येन्द्र जैन भी जांच के दायरे में हैं।