ED Summons Sonia Gandhi for 2 Hours: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ के लिए गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय बुलाया था, जिसका पार्टी ने जमकर विरोध किया। कांग्रेस ने इसको लेकर सड़क से संसद तक विरोध जताया और जगह-जगह रैली निकाली। दिल्ली के अलावा देश के कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मार्च किया और केंद्र की मोदी सरकार के साथ-साथ जांच एजेंसी पर कई आरोप लगाए। इस दौरान कई जगहों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रेनों को रोकने की कोशिश की, जबकि बेंगलुरु में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक कार को आग के हवाले कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तलब किए जाने के विरोध में उत्तराखंड कांग्रेस के कई नेता कार्यकर्ताओं के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपना विरोध जताया। वहीं, दिल्ली में सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिला जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता ईडी दफ्तर के बाहर जमा हुए और सोनिया गांधी को तलब किए जाने का विरोध करने लगे। इस दौरान, उन्होंने जमकर नारेबाजी की।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर के बाहर पत्रकारों से कहा कि ईडी की कार्रवाई जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग है और इसे बंद किया जाना चाहिए…वे विपक्ष की आवाज नहीं दबा सकते।
हिरासत में लिए गए कांग्रेस के 75 सांसद
दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया।
सोनिया गांधी को तलब किए जाने के विरोध में प्रदर्शन करने रहे कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, अजय माकन और कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के 75 सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया।
दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोकी ट्रेन
दिल्ली के शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन पर विरोध कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता पटरियों पर उतर गए और ट्रेनों का रास्ता रोक दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के इस प्रदर्शन के कारण तीन ट्रेनों को स्टेशन पर रोक दिया गया। इस दौरान कई यात्री परेशान नजर आए। यूथ कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया, “ये सांकेतिक प्रदर्शन उस तानाशाही के खिलाफ है जो संविधान, लोकतंत्र कुचलने पर लगातार आमादा है।”