जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया है। यह पहला मौका है जब एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए गोयल को हिरासत में लिया है। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने एक ट्रैवल एजेंसी की शिकायत पर मुंबई पुलिस द्वारा एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर का संज्ञान लिया है। सूत्रों ने कहा कि ईडी की फॉरेक्स उल्लंघनों की जांच में कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की बात सामने आई है, लेकिन विधेय अपराध की अनुपस्थिति के चलते इसे पीएमएलए केस के तहत रजिस्टर नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि एजेंसी नए मामले के संबंध में मुंबई में भी तलाशी ले रही है। ट्रैवल कंपनी ने गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल के खिलाफ 46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और एफआईआर दर्ज कराई थी।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के बाद पिछले साल ईडी ने गोयल से पूछताछ की थी और उनसे जुड़े कई परिसरों की तलाशी ली। ईडी के सूत्रों के अनुसार, गोयल की निजी तौर पर 19 कंपनियां हैं, जिनमें से 14 भारत में और 5 विदेश में हैं।
Mumbai: Enforcement Directorate (ED) raid is underway at the residence of former Chairman of Jet Airways, Naresh Goyal in connection with an alleged money laundering case. pic.twitter.com/0rFmo9B3Th
— ANI (@ANI) March 5, 2020
निदेशालय ने आरोप लगाया है कि जेट एयरवेज ने अपतटीय संस्थाओं के साथ विमान पट्टे के समझौतों को निष्पादित किया है। इन संस्थाओं ने फ़र्म को भुगतान किए है जो गोयल को “डायवर्ट” किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि ईडी बिक्री और वितरण से संबंधित एयरलाइंस के लेनदेन की जांच कर रही है।
बता दें पिछले साल मई में गोयल और उनकी पत्नी को मुंबई हवाई अड्डे पर लंदन की उड़ान भरने से रोक दिया गया था। इसके साथ ही दोनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था। 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज के चलते गोयल ने इस साल के शुरू में अनिश्चित काल के लिए जेट एयरवेज का परिचालन बंद कर दिया था, जिससे हजारों कर्मचारी रातों-रात बेरोजगार हो गए थे। हालांकि कुछ समय पहले जेट एयरवेज एयरलाइन बाजार में हिस्सेदारी के हिसाब से भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी।