पीएनबी घोटाले में शामिल भगोड़े कारोबारी मेहुल चौकसी को पकड़ने के लिए भारतीय जांच एजेंसियों ने कोशिशें तेज कर दी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस सिलसिले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। इसमें बताया गया है कि कैसे मेहुल चौकसी अपने उपभोक्ताओं और भारत, दुबई और अमेरिका के अपने कर्जदाताओं और वित्तीय संस्थानों को ठगने के लिए नकली हीरों और प्रॉपर्टी को बेचकर रैकेट चला रहा था। इस चार्जशीट के जरिए ईडी एंटिगा और बारबूडा में छिपे चौकसी के खिलाफ केस को मजबूत करना चाहता है, ताकि उसका प्रत्यर्पण किया जा सके।

ईडी की चार्जशीट में अमेरिका, यूएई, हॉन्गकॉन्ग और भारत में कुछ कंपनियों के टॉप एग्जीक्यूटिव के बयान शामिल किए गए हैं। इनमें बताया गया है कि कैसे चौकसी अपनी कंपनियों M/s शान्यो गोंग सी लिमिटेड (हॉन्गकॉन्ग) और M/s वॉयजर ब्रांड्स और M/s सैम्युअल ज्वैलर्स Inc. (अमेरिका) के जरिए लैब में तैयार किए गए हीरों को असली हीरे बताकर बेचता था। यह हीरे उसकी सूरत स्थित फैक्ट्री में तैयार होते थे। चार्जशीट में कहा गया है कि चौकसी खुद इसकी निगरानी करता था। ये हीरे आकार, क्वालिटी और रंग में असली हीरे जैसे ही लगते थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार्जशीट में यहां तक कहा गया है कि मेहुल चौकसी ने दिसंबर 2017 में हॉन्कॉन्ग में अपने कर्माचरियों से कहा था कि आने वाले कुछ दिन उसकी कंपनी- गीतांजली के लिए काफी मुश्किल होंगे। उसने आशंका जताई थी कि कंपनी पर फॉरेंसिक ऑडिट होंगे। ऐसे में चौकसी ने अपने कर्मचारियों को भारत न जाने की सलाह दी थी। बता दें कि सीबीआई ने पीएनबी फ्रॉड केस में 31 जनवरी 2018 को ही जांच शुरू की थी।

गौरतलब है कि मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के केस में भतीजे नीरव मोदी के साथ आरोपी बनाया गया है। वह 2018 में ही भारत छोड़कर एंटीगा और बरबूडा में जाकर बस गया था और निवेश के एक कार्यक्रम के तहत वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली थी। जहां जांचकर्ता मानते हैं कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए भागा, वहीं चौकसी का कहना है कि वह बायपास सर्जरी कराने के लिए जनवरी 2018 से ही भारत से बाहर है। ईडी ने इससे पहले 2018 में भी पीएनबी फ्रॉड केस में उसका नाम चार्जशीट में शामिल किया था।